पूष्प अभिलाषा क्या है
वंशीधर की चारित्रिक विशेषताएं
बताश
Answers
Explanation:
वंशीधर शुक्ल Pt. Vanshidhar Shukla (जन्म: 1904; मृत्यु: 1980) एक हिंदी और अवधी भाषा के कवि और स्वतंत्रता सेनानी व राजनेता थे।[1][2]
वंशीधर शुक्ल Pt. Vanshidhar Shukla (जन्म: 1904; मृत्यु: 1980) एक हिंदी और अवधी भाषा के कवि और स्वतंत्रता सेनानी व राजनेता थे।[1][2]इनके पिता छेदीलाल शुक्ल भी एक कवि थे। वंशीधर शुक्ल जी महात्मा गाँधी के आन्दोलन से भी भाग लिए। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी विधान सभा से वें विधायक (१९५९-१९६२) भी रहे।
वंशीधर शुक्ल Pt. Vanshidhar Shukla (जन्म: 1904; मृत्यु: 1980) एक हिंदी और अवधी भाषा के कवि और स्वतंत्रता सेनानी व राजनेता थे।[1][2]इनके पिता छेदीलाल शुक्ल भी एक कवि थे। वंशीधर शुक्ल जी महात्मा गाँधी के आन्दोलन से भी भाग लिए। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी विधान सभा से वें विधायक (१९५९-१९६२) भी रहे।“ कदम-कदम बढायें जा खुशी के गीत गाये जा, ये जिंदगी है कौम की तू कौम पर लुटाए जा ” जैसी कालजयी रचना का सृजन करने वाले वंशीधर शुक्ल हैं।[3] ‘उठो सोने वालों सबेरा हुआ है’, ‘उठ जाग मुसाफिर भोर भई’ इनकी अवधी में लिखी हुई पुस्तके हैं। हुजूर केरी रचनावली भी उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ से प्रकाशित हो चुकी है। उन्होंने लखीमपुर खीरी शहर के मध्य में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम पर 'गाँधी विद्यालय' की स्थापना की। वह उ.प्र. सरकार के वनमंत्री भी रहे।