पुष्प की अभिलाषा के कवि के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है
Answers
पुष्प की अभिलाषा कविता में हमें कवि पुष्प की इच्छाओं को बताने की कोशिश कर रहे हैं। कविता का शीर्षक देखा जाए तो है "पुष्प की अभिलाषा " शीर्षक से ही हमें पता चलता है कि इस कविता में हमें पुष्प की अभिलाषा अर्थात पुष्प की इच्छा के बारे में, पुष्प की चाहत के बारे में पता चल रहा है।कविता के माध्यम से कवि हमें पुष्प की देशभक्ति के प्रति भावना को दिखाते हुए बताते हैं कि पुष्प की यह चाह नहीं है कि उसे सुरबाला या रूपशी कन्या के मालाओ में गुथा जाए या फिर उसे यह भी चाह नहीं है कि वह प्रेमी और प्रेमिका के बंधन में बंध जाए और उनके के प्यार को दर्शाए।पुष्प की यह भी चाह नहीं है कि उसे सम्राटों के शव पर डाला जाए अर्थात उनके मर जाने पर उनके शरीर को श्रद्धा सुमन समर्पित हो सके तथा उसकी यह भी चाह नहीं है कि वह देवों के सिर पर चढ़े और अपने भाग्य पर इठलाऊं अर्थात घमंड करें क्योंकि वह जानता है कि भले ही वह 1 दिन देवों के सिर पर चढ़कर अपने भाग्य पर गर्व कर सकता है परंतु दूसरे दिन सुबह होते ही उसे मूर्ति से उठाकर फेंक दिया जाएगा और उसका कोई भी मूल नहीं रह जाएगा। बल्कि पुष्प की यह चाहा है कि वनमाली उसे तोड़कर उस रास्ते पर फेंक दें जिस रास्ते से हजारों सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण उत्सर्ग करने के लिए जाते हैं ताकि वह उनके चरणों में गिर कर उनके पैरों के छाले को कम कर सके, उन्हें कोमलता प्रदान कर सके।
Explanation:
'अप्प दीपो भव लेख के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है ? स्पष्ट कीजिए।