पुष्प की अभिलाषा' कविता के कवि हैं- श्री माखनलाल चतुर्वदा ।
उनकी कविताओं में राष्ट-प्रेम कुटकूट कर भरी रहती है। कवि फूलक
माध्यम से देश भक्ति की भावना सुंदर रूप से प्रस्तुत करते है ।
इस कविता में देश भक्ति की भावना से भरपूर एक फूल कहता है कि
मुझे किसी देवकन्या के गहनों में गूंथे जाने की इच्छा नहीं है । प्रेमिका के गले
में डाले जानेवाली फूलमाला में एक फूल बनकर आसक्त करने की भी इच्छा
नहीं है।
फूल कहता है कि राजा-महाराजाओं के मरने पर उनके शव पर डाला
जिटलर रेटी गाय पाप
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पुष्प की अभिलाषा' कविता के कवि हैं- श्री माखनलाल चतुर्वदा ।
उनकी कविताओं में राष्ट-प्रेम कुटकूट कर भरी रहती है। कवि फूलक
माध्यम से देश भक्ति की भावना सुंदर रूप से प्रस्तुत करते है ।
इस कविता में देश भक्ति की भावना से भरपूर एक फूल कहता है कि
मुझे किसी देवकन्या के गहनों में गूंथे जाने की इच्छा नहीं है । प्रेमिका के गले
में डाले जानेवाली फूलमाला में एक फूल बनकर आसक्त करने की भी इच्छा
नहीं है।
फूल कहता है कि राजा-महाराजाओं के मरने पर उनके शव पर डाला
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