Hindi, asked by sandeepmangawa123, 6 months ago

पुष्प-पुष्प से तंद्रालस लालसा खींच लँगा मैं
अपने नव जीवन का अमृत सहर्ष सींच दूँगा मैं,
द्वार दिखा दूँगा फिर उनको।
हैं मेरे वे जहाँ अनंत
अभी न होगा मेरा अंत। व्याख्या किजीए

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Answered by adiyadav61
5

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Answered by sharmagajanand065
3

Answer:

,कवि के जीव में वसं उम्मीद बनकर या है जिससे वे सोये , अलसाये फूलों रूपी लोगो के आलस उदासी बाहर निकाल लेने की बात कर रहे हैं वे सभी लोगो को एक नया जीवन देना चाहते हैं इसलिए न्होंने कहा कि मै हर पुष्प से आलस उदासी खींचकर , उनमे नया जीवन अमृत भर दूंगा

वे गे कहते हैं कि मै सोये हुए फूलों यानि निरा लोगो को जीवन जीने की कला सिखा दूंगा फि उनका जीवन सुखमय हो जाएगा कवि का मानना है कि गर युवा पीढ़ी परिश्र करेगी तो से मनचाहे क्ष कि पा्रप्ति होगी उसके आनं का अंत कभी नहीं होगा इस प्रकार कवि कहते हैं कि युवा पीढ़ी को सही राह नही दिखा देंगे तब तक उनका अंत होना असम्भव है

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