Biology, asked by dassangitadevi, 3 months ago

पुष्पी पौधों में भ्रूणकोष कैसे विकसित होता है? भ्रूणकोष की संरचना का वर्णन kare​

Answers

Answered by adityaparouha8
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Answer:

इसमें केंद्रक के विभाजन के फलस्वरुप दो कोशिकाएं बनतीं हैं, उनमें एक बड़ी तथा दूसरी छोटी होती हैं। बड़ी कोशिका को माइक्रोपाइलर चैंबर तथा छोटी कोशिका को चैलेजल चैंबर कहते हैं। माइक्रोपाइलर चैंबर के केंद्रक में विभाजन के फलस्वरुप मुख्य भ्रूणपोष बनाता है। यह एकबीजपत्री पौधों के हेलोबी समुदाय में पाया जाता है।

Answered by sourasghotekar123
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पुष्पी पौधों में भ्रूणकोष वह ऊतक है जो भ्रूण के पोषण के लिए खाद्य सामग्री संरक्षित करता है। यह त्रिगुणित (3n) होता है क्योंकि यह द्वि-निषेचन के परिणामस्वरूप बनता है। द्वि-निषेचन में एक नर युग्मक (परागकण) मादा युग्मक (महाबीजाणु) से संलयन (fusion) करता है और दूसरा नर युग्मक प्राथमिक भ्रूणपोष केंद्रक से संलयन करता है।

1) पुष्पी पौधों में भ्रूणकोष कैसे विकसित होता है

पुष्पी पौधों में भ्रूणकोष का विकास प्राथमिक भ्रूणपोष केंद्रक से प्रारंभ होता है, जो कि परागकण के संलयन से पहले ही महाबीजाणु में मौजूद होता है। प्राथमिक भ्रूणपोष केंद्रक में कुछ समान (equal) या असमान (unequal) मिटोसिस (mitosis) के विभाजन होते हैं, जिनसे कुल 8-16 केन्द्रक (nuclei) बनते हैं।

2) भ्रूणकोष की संरचना का वर्णन

8-केन्द्रकीय (octant) भ्रूणपोष के विकास का वर्णन कुछ इस प्रकार हो सकता है:

  • प्राथमिक भ्रूणपोष केंद्रक में पहला मिटोसिस (mitosis) होता है, जिससे 2-केन्द्रकीय (binucleate) स्थिति पैदा होती है।
  • 2-केन्द्रकीय (binucleate) स्थिति में, परागकण के संलयन से पहले, पुन: मिटोसिस (mitosis) होता है, जिससे 4-केन्द्रकीय (quadrinucleate) स्थिति पैदा होती है।
  • 4-केन्द्रकीय (quadrinucleate) स्थिति में, परागकण के संलयन के समानान्तर, पुन: मिटोसिस (mitosis) होता है

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