पौष्टिक आहार पर अनुच्छेद लेखन
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Explanation:
उचित पौष्टिक आहार खाने से हम मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं और बीमारियों से भी दूर रहने में इससे सहायता मिलती है। अच्छा पोषण शरीर के सभी अंगों को हमेशा बेहतर ढंग से काम करने में मदद करता है। सभी दैनिक कार्यों को उचित तरीके से करने के लिए पौष्टिक आहार एक ईंधन के रूप में काम आता है|
आजकल जंकफूड सभी बहुत पसंद करते हैं, पर वह स्वास्थ्य के लिए उचित है या नहीं, यह बहुत कम ही लोग ध्यान देते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार से जुड़ी इन बातों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, क्योंकि हमारे शरीर के पोषण का मुख्य स्त्रोत खाना-पीना ही है। पौष्टिक भोजन हमारे जीवन की धुरी है, जबकि अपौष्टिक भोजन हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
पोषण क्या है
हवा (ऑक्सीजन) और पानी के बाद भोजन जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है। अच्छा भोजन अर्थात् पौष्टिक भोजन हमें स्वस्थ रखता है, जबकि इसके विपरीत अपौष्टिक भोजन हमें बीमार बना देता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि न्यूट्रिशन ऐसा खान-पान है, जिससे शरीर को पोषण मिले और जिससे शरीर को नुकसान न पहुंचे। सही तरह के खान-पान से हमारे शरीर को पोषण मिलता है। यह बेहद आवश्यक है कि हम पोषण के महत्व को समझें और उसके अनुसार आहार का सेवन करें। पोषण का सही फॉर्मूला यही है कि सभी पोषक तत्वों को ग्रहण करें, ताकि खान-पान की गलत आदतों की वजह से शरीर में उत्पन्न हुए असंतुलन ठीक हो सके और शरीर के भीतर सही संतुलन बनाये रख सकें। इसके लिए कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, खनिज और विटामिन, सभी पोषक तत्वों को एक संतुलित मात्रा में ग्रहण करना जरूरी होता है। शरीर को सुचारु रूप से चलाने के लिए हर पोषक तत्व की अपनी अलग व महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा देता है, प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण में मदद करता है, वसा हमारे शरीर में ऊर्जा बनाये रखने में मददगार है और खनिज तथा विटामिन शरीर के अन्य कार्यों में सहयोग करते हैं।
किसी भी बच्चे की जिंदगी के शुरुआती वर्षों में पौष्टिक आहार का खास महत्व है। इन्हीं वर्षों में उसके स्वस्थ जीवन की नींव रखी जाती है। जरा सी लापरवाही बच्चे के लिए भारी पड़ सकती है। कुपोषण अपने साथ एक नहीं कई बीमारियाँ लेकर आता है। जरूरत है केवल समय पर पौष्टिक आहार कराने की।
किसी भी बच्चे के दाँत, हड्डियाँ मजबूत तथा सुदृढ़ मांसपेशियाँ तभी बन सकती हैं जब उसे नियमित और पौष्टिक आहार मिलता रहे। केवल विटामिन की गोलियाँ या टॉनिक पिलाने से किसी भी बच्चे को स्वस्थ नहीं रखा जा सकता।
समय पर दी गई अच्छी खुराक उसके अच्छे स्वास्थ्य का भविष्य निर्धारित करती है। बच्चे का आहार तय करते समय बहुत सावधानी की जरूरत होती है।
1 से 4 साल तक के बच्चे की जरूरत तो है भरपूर कैलोरी और पौष्टिक तत्व, लेकिन उसकी भूख जल्दी ही शांत हो जाती है।
खाने-पीने की आदतें उसके मूड पर निर्भर होती हैं। इसलिए जरूरी है कि उसे जल्दी-जल्दी भोजन दिया जाए और ऐसा बनाया जाए, जिसमें भरपूर पौष्टिक तत्व भी शामिल रहें।