पाती बंधे मुगलों का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए
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'पाँती बँधे बगुलों' का सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
➲ कवि जब आकाश में छाए काले-काले बादलों में एकदम सीधी सरल पंक्ति बनाकर उड़ रहे श्वेत बगुलों के सुंदर-सुंदर पंखों को देखता है तो वह कह उठता है कि आकाश में पंक्तिबद्ध उड़ रहे इन बगुलों को मैं एकटक देखते रहना चाहता हूँ। यह दृश्य नयनाभिराम है, जो मेरी आँखों को बहुत भाता है। इन पंक्तियों के माध्यम से कवि बगुलों के सौंदर्य को प्रकट किया है, और उस सौंदर्य से पड़ने वाले मन के भावों को प्रकट किया है।
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