पोटे भाई को पर्स मे परिश्रम करने के
प्रेरित
का पत्र लिखित
करता
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विषय : परिश्रम का महत्त्व
प्रिय अनुज,
स्नेहाशीष।
हम सभी यहाँ सकुशल हैं और आशा है कि तुम भी वहाँ पर ईश्वर की कृपा से कुशलतापूर्वक होगे। तुम पहली बार घर से बाहर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे। हो, इसलिए तुम्हारी विशेष चिंता लगी रहती है। वहाँ का माहौल, नये मित्र और अपनी नई दिनचर्या–सभी कुछ पत्र में लिखना। ये समय तुम्हारे भविष्य निर्माण का है, अतः तुम्हें विशेष परिश्रम करना है। पढ़ने का नियत समय होना चाहिए।
प्रातःकाल उठकर पढ़ना श्रेयस्कर है। साथ ही अपने मित्रों का चुनाव भी बहुत सोच-समझकर करना जो पढ़ाई में रुचि रखते हों।
वस्तुतः विद्यार्थी-जीवन तो परिश्रम का ही होता है और भविष्य के सपने परिश्रम से ही पूरे होते हैं, मन की कामना से नहीं। पत्रोत्तर शीघ्र देना।
तुम्हारा मन्नत
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