Hindi, asked by kanersingh2222, 5 hours ago

पिता हरीश गुरु बिना हो तो विश्वास विवेक की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या​

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Answered by ExoticStar
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संत पीपा कहते हैं कि गुरु के बिना हरी यानी परमेश्वर से भेंट या साक्षात्कार नहीं हो सकता। ज्ञान रहित और अज्ञान अबाध मन की कुटिलता के कारण साधक का विवेक जागरण नही हो पाता।

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