पिताजी अब तक घर आ चुके होंगे - अर्थ के आधार पर वाक्य-भेद छाँटिए
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➲ पिताजी अब तक घर आ चुके होंगे। अर्थ के आधार पर वाक्य-भेद इस प्रकार होगा...
पिताजी अब तक घर आ चुके होंगे।
वाक्य भेद : संदेहवाचक वाक्य
व्याख्या ⦂
✎... ‘पिताजी अब तक घर पर आ चुके होंगे।’ अर्थ के आधार पर यह एक संदेहवाचक वाक्य है। संदेहवाचक वाक्य अर्थ के आधार पर वे वाक्य होते हैं, जिनमें किसी कार्य के होने के प्रति संदेह व्यक्त किया जाता है अथवा किसी कार्य के होने की संभावना व्यक्त की जाती है।
इस वाक्य में पिताजी के आने की संभावना व्यक्त की गई है। इसलिए यह अर्थ के आधार पर ‘संदेहवाचक वाक्य’ होगा।
अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं...
- विधानवाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- निषेधवाचक वाक्य
- आज्ञा वाचक वाक्य
- विस्मयादिबोधक वाक्य
- संदेहवाचक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
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