पिताजीके खिलाने पर माताजीकी क्या प्रतिक्रिया होती थी?
। बच्चे को खिलाने के संबंध में माताजी कि क्या धारणा थी?
माताजी बच्चे को कैसे खिलाती थी? यह पिताजी के तरीके से कैसे भिन्न था?
आप बचपन में खाना खाने के किसी एक घटना को लिखिए।
कोविड के सन्दर्भ में उचित व्यवहार संबंधी (CAB) संदेश :
2 गज अथवा 6 फीट की शारीरिक दूरी का पालन करें ।
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Answers
O पिताजी के खिलाने पर माताजीकी क्या प्रतिक्रिया होती थी?
► पिताजी के खिलाने पर माता जी की प्रतिक्रिया यह होती कि वे चार-चार दाने बच्चे के मुँह में रख देते हैं अर्थात छोटे-छोटे कौर (निवाला) बनाकर खिलाते हैं, इससे बच्चा समझता है कि उसने बहुत सारा खा लिया, जबकि उसने कम खाया होता है।
O बच्चे को खिलाने के संबंध में माताजी कि क्या धारणा थी?
► बच्चो को खिलाने के संबंध में माताजी कि धारणा कि बच्चे के मुँह में पूरा कौर भर (बड़ा निवाला) खिलाना चाहिए। जब वो बड़े-बड़े निवाले खायेगा, तभी उसका पेट भरेगा। यानि....
जब खायेगा बड़े-बड़े कौर। तब पायेगा दुनिया में ठौर।।
O माताजी बच्चे को कैसे खिलाती थी? यह पिताजी के तरीके से कैसे भिन्न था?
► माताजी बच्चे को अलग तरीके से खाना खिलाती। वह थाली में दही भात सानती (मिलाती) और अलग-अलग पक्षियों का नाम लेती, जैसे तोता, मैना, कबूतर, हंस, मोर आदि। वह इन पक्षियों के बनावटी नाम के कौर बनाकर बच्चे को खिलाती जाती और कहती जाती कि जल्दी खा ले नहीं तो ये पक्षी उड़ जाएंगे, इस तरह बच्चा उन निवालों की आकृति वाले पक्षियों को उड़ने न देने के लिये वो निवाला खा लेता।
O आप बचपन में खाना खाने के किसी एक घटना को लिखिए।
► बचपन में हम भी इसी तरह ना-नुकर करके खाना खाते। हमारी माताजी भी हमें तरह-तरह की रोचक कहानियाँ सुनातीं, और हम कहानी सुनते हुए खाना खाते जाते। कहानी की रोचकता में खाने का पता ही नही चलता।
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