१. पिताजी को पत्र लिखकर दिल्ली घूमने की अनुमति माँगिए।
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सिविल लाइंस,
सिविल लाइंस,रांची।
18 मई 2020
विषय : यात्रा पर जाने के लिए अनुमति
विषय : यात्रा पर जाने के लिए अनुमतिपूज्य पिताजी,
विषय : यात्रा पर जाने के लिए अनुमतिपूज्य पिताजी,सादर प्रणाम
विषय : यात्रा पर जाने के लिए अनुमतिपूज्य पिताजी,सादर प्रणामआशा करता हूँ कि मेरी तरह आप लोग भी सकुशल होंगे। वार्षिक परीक्षा – के बाद मेरे विद्यालय में एक सप्ताह की छुट्टी होने जा रही हैं। इस बार विद्यालय की ओर से सभी छात्र-छात्राएँ शिक्षक के साथ दिल्ली घूमने जा रहे हैं। मैं भी इन लोगों के साथ जाना चाहता हूँ।
विषय : यात्रा पर जाने के लिए अनुमतिपूज्य पिताजी,सादर प्रणामआशा करता हूँ कि मेरी तरह आप लोग भी सकुशल होंगे। वार्षिक परीक्षा – के बाद मेरे विद्यालय में एक सप्ताह की छुट्टी होने जा रही हैं। इस बार विद्यालय की ओर से सभी छात्र-छात्राएँ शिक्षक के साथ दिल्ली घूमने जा रहे हैं। मैं भी इन लोगों के साथ जाना चाहता हूँ।दिल्ली भारत की राजधानी ही नहीं, एक प्राचीन ऐतिहासिक नगरी भी है। यहाँ कई दर्शनीय स्थल भी हैं। उन स्थलों के भ्रमण से मात्र मनोरंजन ही नहीं, अपितु ज्ञानवर्द्धन भी होगा।
विषय : यात्रा पर जाने के लिए अनुमतिपूज्य पिताजी,सादर प्रणामआशा करता हूँ कि मेरी तरह आप लोग भी सकुशल होंगे। वार्षिक परीक्षा – के बाद मेरे विद्यालय में एक सप्ताह की छुट्टी होने जा रही हैं। इस बार विद्यालय की ओर से सभी छात्र-छात्राएँ शिक्षक के साथ दिल्ली घूमने जा रहे हैं। मैं भी इन लोगों के साथ जाना चाहता हूँ।दिल्ली भारत की राजधानी ही नहीं, एक प्राचीन ऐतिहासिक नगरी भी है। यहाँ कई दर्शनीय स्थल भी हैं। उन स्थलों के भ्रमण से मात्र मनोरंजन ही नहीं, अपितु ज्ञानवर्द्धन भी होगा।अतः आपसे अनुरोध है मुझे इस यात्रा पर जाने की अनुमति दें। दिल्ली से लौटकर आपको यात्रा के विषय में विस्तारपूर्वक पत्र लिखूगा । पूज्या माँ को चरण स्पर्श कहिएगा। शेष फिर-
विषय : यात्रा पर जाने के लिए अनुमतिपूज्य पिताजी,सादर प्रणामआशा करता हूँ कि मेरी तरह आप लोग भी सकुशल होंगे। वार्षिक परीक्षा – के बाद मेरे विद्यालय में एक सप्ताह की छुट्टी होने जा रही हैं। इस बार विद्यालय की ओर से सभी छात्र-छात्राएँ शिक्षक के साथ दिल्ली घूमने जा रहे हैं। मैं भी इन लोगों के साथ जाना चाहता हूँ।दिल्ली भारत की राजधानी ही नहीं, एक प्राचीन ऐतिहासिक नगरी भी है। यहाँ कई दर्शनीय स्थल भी हैं। उन स्थलों के भ्रमण से मात्र मनोरंजन ही नहीं, अपितु ज्ञानवर्द्धन भी होगा।अतः आपसे अनुरोध है मुझे इस यात्रा पर जाने की अनुमति दें। दिल्ली से लौटकर आपको यात्रा के विषय में विस्तारपूर्वक पत्र लिखूगा । पूज्या माँ को चरण स्पर्श कहिएगा। शेष फिर-आपका लाड़ला
हर्षप्रीत सिंह