पिता के दुख को दूर करने के लिए देवव्रत ने सच्चे पुत्र का फर्ज कैसे निभाया ?
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अपने पिता के लिए ऐसी कठोर तपस्या करने वाले देवव्रत के चरित्र से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने माता-पिता की खुशी के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहिए।
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