Social Sciences, asked by sharmasunil06243, 2 months ago

पातालपुर में क्या samshiya थी?​

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Answered by kalka22dec
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what's your question I don't understand

Answered by aadya4836
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बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की सुनवाई आज

जिलेमें बिजली कनेक्शन तो हर साल बढ़ रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों की संख्या अभी भी 1976 में हुए कनेक्शनों के आधार पर ही है। फील्ड में फॉल्ट ठीक करने वाले लाइनमैन और असिस्टेंट लाइनमैन से लेकर दफ्तर में बैठे बाबू तक के आधे पद रिक्त हैं।

कर्मचारियों की कमी का असर स्वभाविक रूप से व्यवस्था बनाए रखने पर पड़ता है। कई बार तो स्थिति ऐसी रहती है कि जो बिजली समस्या 30 मिनट में ठीक हो सकती थी, उसे ठीक करने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग जाता है। समस्या को देखते हुए निगम नए ट्रांसफार्मर लगाने जा रहा है। इससे लोड बंटेगा तो फॉल्ट में कमी आएगी। रेवाड़ी, बावल धारूहेड़ा में 200 केवी क्षमता के 30 नए ट्रांसफार्मर लगाए जाने हैं। इसके अलावा बिजली चोरी रोकने वाले कर्मचारियों के लिए भी खास खबर है। बिजली चोरी पकड़ने वाली स्पेशल टीम को निगम सम्मानित भी करेगा।

316आउटसोर्स पर लगे फिर भी स्टाफ आधा

निगममें फिल्ड में कार्य करने के लिए सबसे ज्यादा लाइनमैन सहायक लाइनमैन की जरूरत होती है। क्योंकि अगर कोई फॉल्ट हो जाए तो इन कर्मचारियों को ही वह ढूंढ़कर ठीक करना होता है। अब निगम में हर साल कनेक्शनों की संख्या तो लगातार बढ़ रही है, लेकिन स्टाफ नहीं। स्टाफ की तैनाती 1976 कनेक्शनों के हिसाब से ही है। कुछ राहत के लिए जरूर 316 आउटसोर्स पर कर्मचारी लगाए, लेकिन फिर भी स्टाफ कम है। शिफ्ट अटेंडेंट के 114 पद स्वीकृत हैं, लेकिन मात्र 2 ही कार्यरत हैं। इसी तरह मीटर रीडर, बिल डिस्ट्रीब्यूटर, हेड क्लर्क, जेई, फोरमैन बाबू तक के पद खाली पड़े हैं।

जानिए: एक साल पहले सब डिविजन मंजूर, स्टाफ अब तक नहीं :बूढपुर नाहड़ को सब डिवीजन बनाने के लिए निगम की ओर से दो साल पहले प्रस्ताव भेजा गया था। इसे मंजूरी मिले अब एक साल बीत गए, लेकिन एसडीओ तक भी नहीं मिल पाए। इन दोनों सब डिवीजनों में कनेक्शनों की संख्या 30-30 हजार से भी ज्यादा हैं। एक सब डिवीजन में कम से कम 20 कर्मचारियों का स्टाफ होना चाहिए।

राहत ये... नए ट्रांसफार्मर से बंटेगा लोड, फॉल्ट में भी आएगी

निगमकी ओर से रेवाड़ी, बावल धारूहेड़ा में जिस ट्रांसफार्मर पर लोड ज्यादा रहता है, वहां 200 केवी क्षमता के नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इसके लिए निगम ने दो माह पहले मंजूरी के लिए यह प्रस्ताव भेजा था। इसे मंजूरी मिल गई है और जल्द ही इनको जगह चिह्नित कर लगा दिया जाएगा। रेवाड़ी में 13, धारूहेड़ा में 12 बावल में 5 ट्रांसफार्मर लगेंगे। इससे फायदा ये होगा कि बिजली वोल्टेज बेहतर मिलेगी, बार-बार ट्रिपिंग नहीं होगी तथा फ्यूज कम उड़ेंगे और कट भी नहीं लगेंगे।

कम संसाधनों में बेहतर बिजली के प्रयास : एसई

^स्टाफकी कमी जरूर है, लेकिन फिर भी कोशिश है कि लोगों को बिजली बारे दिक्कत आए। इसके लिए जितना स्टाफ है, उसी से फिलहाल काम चलाया जा रहा है। दोनों स्वीकृत सब डिविजनों के लिए एसडीओ की डिमांड भेजी हुई है। दूसरे जहां ज्यादा लोड है, वहां नए ट्रांसफार्मर भी लगेंगे और बिजली चोरी पकड़ने में बेहतर कार्य करने वाली टीम सम्मानित भी होगी। -राजकुमार जाजौरिया, एसई, बिजली वितरण निगम, रेवाड़ी।

समस्या ये... जुर्मानेकी रिकवरी हुई आधी

निगमद्वारा ताबड़तोड़ छापे मारकर बिजली चोरी तो पकड़ी जा रही है, लेकिन जुर्माने की रिकवरी करना उनके लिए थोड़ी मुश्किल भी है। अगर आंकड़े को देखे जुर्माने में अभी 50 फीसदी राशि ही जमा हो पाई है। बाकी बची राशि जमा कराना मुश्किल कार्य भी है।

बिजली चोरों पर कसा शिकंजा

पिछले4 माह से निगम की ओर से बिजली की चोरी पकड़ने के लिए ताबड़तोड़ छापे मारे गए। शहर के अलावा गांवों में भी अलग-अलग टीम द्वारा छापे मारे गए। काफी घरों में बिजली चोरी पकड़कर उन पर जुर्माना भी लगाया गया। निगम अधिकारियों का कहना है कि बिजली चोरों पर शिकंजा कसने के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा। इससे लाइन लॉस भी 30 फीसदी से नीचे गया है। इसी को लेकर ही अब टीम में शामिल 25 सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा।

ये पकड़ी गई चोरी

महीनामामले जुर्माना

{जनवरी330 92.87 लाख

{फरवरी 565 179.76 लाख

{मार्च 381 1 करोड़ 36 लाख

{अप्रैल 114 51.62 लाख

{मई (23 मई तक)318 1 करोड़ 2 लाख

स्टाफ संख्या पर एक नजर

पदस्वीकृत कार्यरत

लाइनमैन226 209

एएलएम 552 118

एसए 114 2

एएफएम 67 3

क्लर्क(एलडीसी)88 40

मीटर रीडर 62 7

यूडीसी 35 12

नोट: आंकड़े1976 में कनेक्शनों के आधार पर है।

अभी कई जगह लोड ज्यादा, हर समय रहती है ट्रिपिंग की समस्या

अगरअब लगाए तो रेवाड़ी में ही कई जगह बाजारों में लगे ट्रांसफार्मर पर लोड अधिक होने की वजह से आए दिन बिजली ट्रिपिंग की समस्या रहती है। बिजली के बार-बार फ्यूज उड़ते रहते हैं, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दूसरे निगम के कर्मचारियों को भी घंटों फॉल्ट ढूंढ़ने में लग जाते हैं। मगर इन ट्रांसफार्मरों के लगने से निगम के साथ ही लोगों को भी कुछ राहत मिलेगी। निगम अधिकारियों की माने तो जल्द ही इन ट्रांसफार्मरों को लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा।

रेवाड़ी. झज्जररोड स्थित बिजली निगम पावर हाउस। निगम इन दिनों कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है।

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की उपभाेक्ता शिकायत निवारण फोरम (सीजीआरएफ) की ओर से 26 मई को सुबह 11 बजे झज्जर रोड स्थित निगम विश्राम गृह में उपभोक्ताओं की समस्याएं सुनी जाएंगी। इसमें उपभोक्ता बिलिंग समस्या, वोल्टेज समस्या, मीटर संबंधी शिकायत, बिजली आपूर्ति कटावाने-पुन जुड़वाने, सुरक्षा समेत अन्य शिकायत रख सकते है। इसमें बिजली चाेरी उसके अनाधिकृत उपयोग, दुर्घटनाओं जांच संबंधी मामलों को शामिल नहीं किया जाएगा।

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