पुत्र की प्राप्ति के लिए दशरथ ने कौन सा यज्ञ किया
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गोहाना| मुगलपुरास्थित टिटू धर्मशाला में आयोजित रामलीला में शुक्रवार को कलाकारों ने भगवान राम के जन्म का मंचन किया गया। कलाकारों द्वारा बताया गया कि राजा दशरथ की तीन रानियां थी, लेकिन किसी भी रानी से पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई। मह्रर्षि विश्वामित्र ने राजा को पुत्र प्राप्ति के लिए यज्ञ करने को कहा। ऋषि की बात मानकर राजा दशरथ ने यज्ञ का आयोजन किया। यज्ञ से उन्हें प्रसाद के रूप में खीर की प्राप्ति हुई। मह्रर्षि के आदेशानुसार राजा ने खीर को तीनों रानियों में बांट दिया। इससे राजा दशरथ को चार पुत्रों की प्राप्ति हुई। रानी कौशल्या ने राम, सुमित्रा ने लक्ष्मण श्रत्रुघन और केकैयी ने भरत को जन्म दिया। भगवान राम के जन्म पर अयोध्या में खुशियां मनाई गई। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म संसार को रावण के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए हुई थी। भगवान राम विष्णु के अवतार थे।
दशहरा पर बुराई रूपी रावण का दहन करने के लिए एकता कॉलोनी के युवाओं ने एकत्रित होकर रावण के पुतले का निर्माण किया है। पुतले की ऊंचाई करीब 30 फीट है। युवाओं का कहना है कि अपने अंदर की बुराईओं का त्याग करने के लिए इस बार कॉलोनी में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। कॉलोनी निवासी सोनू, सन्नी, सचिन रोहित ने बताया कि पुतले का निर्माण करने में करीब दस हजार रुपए की लागत आई है।
गोहाना. टिटूधर्मशाला में रामलीला में महर्षि विश्वामित्र और दशरथ के संवाद का मंचन करते हुए कलाकार।