Hindi, asked by narainbansal, 1 year ago

पुत्र को पुरस्कार मिलने पर माता और पिता के बीच संवाद ​

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Answered by shishir303
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          पुत्र को पुरुस्कार मिलने पर माता-पिता के बीच संवाद

पिता — अरी सुनती हो। ये मोनू के विद्यालय से निमंत्रण पत्र आया है। उसे उसके विद्यालय द्वारा विज्ञान विषयक प्रतियोगिता में प्रथम पुरुस्कार प्राप्त हुआ है। उसने कोई विशेष यंत्र का मॉडल बनाया है जो सबको पसंद आया है।  कल उसके सम्मान में विद्यालय में कार्यक्रम होगा। हमें भी बुलाया है।

माता — सच! हमारे लिये कितना गर्व का विषय है। हमारा बच्चा कितना होनहार है, उसने हमारा सिर ऊँचा कर दिया।

पिता — ये बात तो तुम ठीक कहती हो। आज हमें अपनी परिवरिश और अपने बच्चे को दिये संस्कारों पर गर्व होता है।

माता — हमारे मोनू ने कितना परिश्रम किया था। दिन-रात बेचारा इस प्रतियोगिता की तैयारी में लगा ही रहता था। भूख-प्यास की भी चिंता न की उसने। भगवान ने उसे उसके परिश्रम का फल दिया है।

पिता — परिश्रम का फल तो मीठा होता ही है। उसकी इस सफलता में उसकी असाधारण प्रतिभा का भी योगदान है।

माता — भगवान करे हमारा पुत्र यूं ही हमेशा तरक्की करता रहे।

पिता — अरे पर हमारा वो होनहार बालक है कहां?

माता — अपने किसी मित्र के पास किसी काम से गया है।

पिता — ठीक है, तुम कल की तैयारी कर लो। उसके विद्यालय में कार्यक्रम में जाना है।

माता — बिल्कुल। अपने बच्चे के गौरवमयी क्षण का भागीदार बनना हम कैसे छोड़ सकते हैं।

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