Hindi, asked by sivascs864123, 7 hours ago

पंितंत्र की कोई एक छोटीसी कहानी को ढूँढ़कर

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Answered by saumya78608
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पंचतंत्र की रोचक कहानियां

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पंचतंत्र की रोचक कहानियां

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Team Leverage Edu

मई 13, 2021

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Modern History in Hindi

पंचतंत्र नीति कथा और कहानियों का संग्रह है जिसके रचयिता आचार्य विष्णु शर्मा है। panchtantra ki kahani में बच्चों के साथ-साथ बड़े भी रुचि लेते हैं। पंचतंत्र की कहानी के पीछे कोई ना कोई शिक्षा या मूल छिपा होता है जो हमें सीख देता है। panchtantra ki kahani बच्चे बड़ी चाव से पढ़ते हैं तथा सीख लेते हैं। पंचतंत्र की कुछ कहानियां ऐसी भी है जो हिंदी में कहानी लेखन में दी जाती हैं तथा इसके साथ-साथ कई परीक्षाओं में भी panchtantra ki kahani में से कुछ पाठ्यपुस्तक में दी होती है जो लिखने को आती हैं। महत्वपूर्ण और आकर्षक 10 कहानियां नीचे दी गई हैं।आइए देखते हैं पंचतंत्र की रोचक कहानियां –

आचार्य विष्णु शर्मा

संस्कृत के लेखक विष्णु शर्मा पंचतंत्र संस्कृत की नीति पुस्तक के लेखक माने जाते हैं। जब यह ग्रंथ बनकर तैयार हुआ तब विष्णु शर्मा की उम्र 40 साल थी। विष्णु शर्मा दक्षिण भारत के महिलारोप्य नामक नगर में रहते थे। एक राजा के 3 मूर्ख पुत्र थे जिनकी जिम्मेदारी विष्णु शर्मा को दे दी गई विष्णु शर्मा को यह पता था कि यह इतने मूर्ख हैं कि इनको पुराने तरीकों से नहीं पढ़ाया जा सकता तब उन्होंने जंतु कथाओं के द्वारा पढ़ाने का निश्चय किया। पंचतंत्र को पांच समूह में बनाया गया जो 2000 साल पहले बना। महामहोपाध्याय पं॰ सदाशिव शास्त्री के अनुसार पंचतन्त्र के रचयिता विष्णुशर्मा चाणक्य का ही दूसरा नाम था। इसके आधार पर उनके अनुसार पंचतन्त्र की रचना चन्द्रगुप्त मौर्य के समय में ही हुई है और इसका रचना काल 300 ई.पू. माना जा सकता है।

Table of contents

आचार्य विष्णु शर्मा

चालाक खटमल

शिक्षा : जाँच-परखकर के बाद ही अनजानों पर भरोसा करें।

एक प्यासा कौआ

शिक्षा : बुद्धिमानी का फल मिलता है।

संगठन में शक्ति है

शिक्षा : संगठन में शक्ति है।

एक लालची कुत्ता

शिक्षा : लालच बुरी बला है।

एक चतुर टोपी-विक्रेता

एक ईमानदार लकड़हारा

शिक्षा : ईमानदारी सबसे अच्छी नीति है।

भूखी लोमड़ी/लोमड़ी और अंगूर

शिक्षा : हाथ नहीं आने वाले अंगूरों को खट्टा बताया जाता है।

एक गड़रिया जो झूठ बोला

खरगोश और शेर

रंगा सियार

पंचतत्र की नई-नई कहानियां

टपका का डर

चतुर चूहा

लालची मित्र

सूर्यकांत त्रिपाठी

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आचार्य विष्णु शर्मा

Table of contents

चालाक खटमल

एक प्यासा कौआ

संगठन में शक्ति है

एक लालची कुत्ता

एक चतुर टोपी-विक्रेता

एक ईमानदार लकड़हारा

भूखी लोमड़ी/लोमड़ी और अंगूर

एक गड़रिया जो झूठ बोला

खरगोश और शेर

रंगा सियार

पंचतत्र की नई-नई कहानियां

टपका का डर

चतुर चूहा

लालची मित्र

चालाक खटमल

एक राजा के शयनकक्ष में मंदविसर्पिणी नाम की जूँ ने डेरा डाल रखा था। रात को जब राजा जाता तो वह चुपके से बाहर निकलती और राजा का खून चूसकर, फिर अपने स्थान पर जा छिपती।संयोग से एक दिन अग्निमुख नाम का एक खटमल भी राजा के शयनकक्ष में आ पहुँचा। जूँ ने जब उसे देखा तो वहाँ से चले जाने को कहा। उसे अपने अधिकार क्षेत्र में किसी अन्य का दखल सहन नहीं था। लेकिन खटमल भी कम चतुर नहीं था, बोला, “देखो, मेहमान से इस तरह बरताव नहीं किया जाता, आज रात मैं तुम्हारा मेहमान हूँ।” जूँ अंतत: खटमल की चिकनी-चुपड़ी बातों में आ गई और उसे शरण देते हुए बोली, “ठीक है, तुम यहाँ रातभर रुक सकते हो, लेकिन राजा को काटोगे तो नहीं, उसका खून चूसने के लिए?” खटमल बोला, “लेकिन मैं तुम्हारा मेहमान है, मुझे कुछ तो दोगी खाने लिए। और राजा के खून से बढ़िया भोजन और क्या हो सकता है।” “ठीक है।” जूँ बोली, “तुम चुपचाप राजा का खून चूस लेना, उसे पीड़ा का एहसास नहीं होना चाहिए।” ‘जैसा तुम कहोगी, बिल्कुल वैसा ही होगा।” कहकर खटमल शयनकक्ष में राजा के आने की प्रतीक्षा करने लगा ।रात ढलने पर राजा आया और बिस्तर पर पड़कर सो गया। खटमल सबकुछ भूलकर राजा को काटने दौड़ा और खून चूसने लगा। ऐसा स्वादिष्ट खून उसने पहली बार चखा था, इसलिए वह जोर-जोर से काटकर खून चूसने लगा। इससे राजा के शरीर में तेज खुजली होने लगी और उसकी नींद उचट गई । उसने क्रोध में भरकर अपने सेवकों से काटनेवाले जीव को ढूँढ़कर मारने को कहा।यह सुनकर चतुर खटमल तो पलंग के पाए के नीचे छिप गया, लेकिन चादर के कोने पर बैठी जूँ राजा के सेवकों की नजर में आ गई। उन्होंने उसे पकड़ा और मार डाला।

Answered by soheansari995
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thiyodor rujwelt ke shasan par Parkash dale

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