पितसर शहर निर्मित है
Answers
Answer:
आपने ये तो सुना ही होगा कि केवल पितृदोष या पितृ ऋण ही होता है लेकिन ऐसा नहीं है और भी ऋण होते हैं। जी हां जब मनुष्य मनुष्य से कोई गलती होती है तब यह ऋण चढ़ते हैं। या फिर वह किसी अपने को व्यवहार से आहत करता है या निंदा करता है, तब भी। बता दें कि इन ऋणों के चलते व्यक्ति को निर्दोष होते हुए भी मुकदमेबाजी झेलनी पड़ जाती है तो मृत्यु के बाद भी मुक्ति नहीं मिलती। कहते हैं कि ये ऋण भले ही पूर्वजों के हों, लेकिन अगर कुंडली में हों तो पूरे परिवार को इसका कष्ट झेलना पड़ता है। लेकिन अगर आप इन ऋणों को उतारना चाहते हैं तो आपको पितृपक्ष में यहां बताए गये उपाय अपनाने चाहिए। हालांकि इससे पहले यह जानना जरूरी है कि जातक की कुंडली में किसका ऋण है? आइए इन ऋणों और इनके निराकरण के बारे में विस्तार से जानते हैं…
Explanation:
hope it helps you