पाठ-6
शब्दार्थ
माचार
पारम्पयक्रमात
वणतिाम्
सान्तरालानाम्
एव
कुवति
पूर्वहि
आपराठिकम्
अन्तम
यपहार
परम्पराक्रम से आमाछा
वों का
पणी के मध्य आर्य उपवर्णाका
आने वाला कल
करना चाहिये
दोपहर से पहले
दोपहर से जो बाद करने मौम्भ कार्य
सदा से चला मा रगटो
ही
उदारता
सरलता
कोमलता
कुटिलता
सेवा' कसी चाहिए
बचना चाहिए
बाणी से
सनातनः
मादायमा
की टिराम -
सेपेत
परिवर्जयेत्
वाचा
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पाठ-6
शब्दार्थ
माचार
पारम्पयक्रमात
वणतिाम्
सान्तरालानाम्
एव
कुवति
पूर्वहि
आपराठिकम्
अन्तम
यपहार
परम्पराक्रम से आमाछा
वों का
पणी के मध्य आर्य उपवर्णाका
आने वाला कल
करना चाहिये
दोपहर से पहले
दोपहर से जो बाद करने मौम्भ कार्य
सदा से चला मा रगटो
ही
उदारता
सरलता
कोमलता
कुटिलता
सेवा' कसी चाहिए
बचना चाहिए
बाणी से
सनातनः
मादायमा
की टिराम -
सेपेत
परिवर्जयेत्
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