Hindi, asked by wanghaminsane, 6 months ago

पाठ बाज़ार दर्शन में भगत जी क्या बेचते थे?​

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Answered by shishir303
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‘बाजार दर्शन’ पाठ में भगत जी चूरन बेचा करते थे।

बाजार दर्शन पाठ लेखक जैनेंद्र कुमार द्वारा लिखा गया एक विवेचनात्मक निबंध है, जिसमें उन्होंने बाजारवाद और उपभोक्तावाद पर करारा व्यंग्य किया है। लेखक के पड़ोस में एक भगत जी रहते थे, वह चूरन बेचने का काम करते थे। चूरन बेचने के कारण चूरन उनका सरनाम भी था, लेकिन वह बाजारवाद के चंगुल में नहीं फंसे थे और वह उन्होंने प्रतिदिन छह आने कमाने का लक्ष्य रखा था और वह छह आने से अधिक नही कमाते थे। यादि छह आने का चूरन बिक जाता तो वे बाकी बचा हुआ चूरन बच्चों को मुफ्त बांट देते थे। इस तरह वह संतोषी स्वभाव के थे और सदा स्वस्थ और प्रफुल्लित रहते थे।

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