Hindi, asked by Krishnasachdeva, 2 months ago

पाठ बस की यात्रा आज के समाज में भी कैसे सार्थक है​

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Answered by ItzRoyalQueen01
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Answer:

हरिशंकर परसाई की रचना 'बस की यात्रा' आज के समाज में भी सार्थक है क्योंकि आज भी हम कई बार देखते हैं कि सड़क पर पुराने वाहन धड़ाधड़ चल रहे होते हैं। उनके मालिकों को लोगों की जान की कोई परवाह नहीं होती। ... “ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।”

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