Hindi, asked by nimishbhargav40, 10 months ago

पाठ बस की यात्रा में लेखक ने अपनी यात्रा के अनुभवों को व्यंग्यात्मक निबंध के रूप में प्रस्तुत किया है। उसके ऊपर एक अनुच्छेद लिखिए ​

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Answered by santlalsharma20195
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Answer:

में इस यात्रा अनुच्छेद के द्वारा, अपने व्यक्तिगत अनुभव का बखान करते हैं जोकि है ‘‘बस की यात्रा।” एक बार में अपने चार मित्रों के साथ बस से जबलपुर जाने वाली ट्रेन पकड़ने के लिए अपनी यात्रा बस से शुरु करने का फैसला लेते हैं। परन्तु कुछ लोग उसे इस बस से सफर न करने की सलाह देते हैं। उनकी सलाह न मानते हुए, वे उसी बस से जाते हैं किन्तु बस की हालत देखकर में हंसी में कहते हैं कि बस पूजा के योग्य है।

नाजुक हालत देखकर मेंरी आँखों में बस के प्रति श्रद्धा के भाव आ जाते हैं। इंजन के स्टार्ट होते ही ऐसा लगता है की पूरी बस ही इंजन हो। सीट पर बैठ कर वह सोचता है वह सीट पर बैठा है या सीट उसपर। बस को देखकर वह कहता है ये बस जरूर गाँधी जी के असहयोग आंदोलन के समय की है क्योंकि बस के सारे पुर्जे एक-दूसरे को असहयोग कर रहे थे।

कुछ समय की यात्रा के बाद बस रुक गई और पता चला कि पेट्रोल की टंकी में छेद हो गया है। ऐसी दशा देखकर वह सोचने लगा न जाने कब ब्रेक फेल हो जाए या स्टेयरिंग टूट जाए।आगे पेड़ और झील को देख कर सोचता है न जाने कब टकरा जाए या गोता लगा ले।अचानक बस फिर रुक जाती है। आत्मग्लानि से मनभर उठता है और विचार आता है कि क्यों इस वृद्धा पर सवार हो गए।

इंजन ठीक हो जाने पर बस फिर चल पड़ती है किन्तु इस बार और धीरे चलती है।आगे पुलिया पर पहुँचते ही टायर पंचर हो जाता है। अब तो सब यात्री समय पर पहुँचने की उम्मीद छोड़ देते है तथा चिंता मुक्त होने के लिए हँसी-मजाक करने लगते है।अंत में डर का त्याग कर आनंद उठाने का प्रयास करते हैं तथा स्वयं को उस बस का एक हिस्सा स्वीकार कर सारे भय मन से निकाल देते हैं

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