पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?
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इस पाठ में लोग अपनी अपनी पसंद के अनुसार किसी किसी को अधिक श्रद्धा भाव से देखते हैं। लेखिका की नानी परंपरावादी होते हुए भी मरने से पहले अपने पति के दोस्त स्वतंत्रा सेनानी प्यारेलाल शर्मा से अपनी इकलौती बेटी का विवाह अंग्रेज सरकार के गुलामों से न करके किसी स्वतंत्रता सेनानी से करवाने का वायदा लेती हैं। इस प्रकार आजादी की लड़ाई में किसी भी रुप से सहयोग देने के कारण वह श्रद्धा की पात्र है। लेखिका की परदादी चोर को खेतिहर बनाकर श्रद्धा योग्य बनती है। लेखिका के नाना के प्रति लेखिका की मां का ससुराल पक्ष श्रद्धावान है क्योंकि उनका सहाबी दबदबा है। हम लेखिका के प्रति श्रद्धावान है क्योंकि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में जीवन जीया है तथा औरों को भी जीवन जीना सिखाया है। डालमिया नगर में नाटक मंडली बनाना तथा बागलकोट में प्राइमरी स्कूल खुलवाने लेखिका के प्रति हमें नतमस्तक कर देता है।
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जो इंसान सदैि सत्य बोले, ईमानदारी से अपना ज िन व्यि ि करे, दृढ तनश्चय िो, दूसरों की बािों की गोपन यिा को दूसरों पर प्रकट न करे, जो सबके साथ समान व्यििार करे, समाज की भलाई के ललए कायारि रिे िथा अपने कर्त्ाव्यों से विमुि न िो, ऐसे मनुष्य को श्रद्धा भाि से देिा जािा िै।
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