पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुंवर सिंह साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?
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- साहसी व्यक्ति – कुँवरसिंह का पूरा जीवन ही उनके साहसपूर्ण घटनाओं से भरा पड़ा है। परन्तु उनका अपनी घायल भुजा को स्वयं काटकर गंगा में समर्पित कर देना साहस का सबसे अद्वितीय उदहारण है।
- उदार व्यक्ति – कुँवरसिंह का व्यक्तित्व बड़ा ही उदार था। उनकी माली हालत अच्छी न होने के बावजूद वे निर्धनों की हमेशा सहायता करते थे। इसी उदारता के फलस्वरूप उन्होंने कई तालाबों, कुँओं, स्कूलों तथा रास्तों का निर्माण किया।
- स्वाभिमानी व्यक्ति – कुँवरसिंह स्वाभिमानी व्यक्ति थे यह इसी बात से पता चलता है कि वयोवृद्ध होने के बाद भी उन्होंने अंग्रेजों के आगे अपने घुटने नहीं टेके।
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उत्तर-४. निम्नलिखित प्रसंगों से पता चलता है कि कुँवरसिंह साहसी, उदार और
स्वाभिमानी थे-
१. यह जानते हुए भी कि अंग्रेजों के पास विशाल सेना और अत्याधुनिकतम
हथियार हैं, उन्होंने वीरतापूर्वक अंग्रेजों को हराया |डगलस की गोली से घायल
बाएँ हाथ को स्वयं ही काटकर गंगा में अर्पित कर दिया | इनसे उनके साहसी
होने का पता चलता है |
२. कुंवर सिंह ने स्कूलों को जमीन दी | विद्यालय और मकतब भी बनवाए |
धन की कमी के बावजूद वे निर्धनों की सहायता किया करते थे | उन्होंने अनेक
जलाशय बनवाये और कुएँ खुदवाए | इनसे उनके उदार होने का पता चलता है |
३. कुंवरसिंह जब तक जीवित रहे, अपनी मातृभूमि को आज़ाद कराने के लिए
प्रयत्नशील रहे | उन्होंने अंग्रेजों की दासता स्वीकार न करके अभिमान से
जीवन बिताया | आधुनिकतम हथियारों के आगे भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी
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