पाठ के साथ
1. चंपारन क्षेत्र में बाढ़ की प्रचंडता के बढ़ने के क्या कारण हैं ?
मा किया का क्या आशय है?
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बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर और पूर्वी चंपारण जिले तथा ओडिशा का पुरी ज़िला अत्यधिक वर्षा की घटनाओं, खराब जल निकासी और नदी के बहाव के उल्लंघन अथवा तटबंध के टूटने के कारण बाढ़ के लिए अतिसंवेदनशील है। बाढ़ का पानी 6 से 15 दिन तक कृषि खेतों में बना रहता है जिससे खरीफ फसलों, मुख्य रूप से चावल को भारी नुकसान होता है।
चंपारन क्षेत्र में बाढ़ की प्रचंडता बढ़ने का कारण जंगलों का कटना है।
- जंगल वृक्षों से भरे हुए होते है, वृक्ष जल के बहाव को रोकते है, वृक्षों की जड़े पानी को सोख लेती है।
- वृक्ष नदियों की जल धारा की गति को भी नियंत्रित करते हैं। जब नदियों की जलराशि उनकी सीमा से अधिक हो जाती है तब बाढ़ आती है ।
- यदि ये लंबे लंबे वृक्ष न हो तो नदियां विकराल रूप धारण कर लेती है व बहती जाती है।
- चंपारन में वनों को काटकर भूमि को समतल कर दिया गया है जिसके कारण वहां बाढ़ भयानक रूप धारण कर लेती है।