पाठ के संदर्भ में उनाकोटी में स्थित गंगावतरण की कथा को अपने शब्दों में लिखिए।
Answers
उत्तर :
पाठ के अनुसार उनाकोटी में विशाल चट्टान है दो ऋषि भागीरथ की प्रार्थना पर स्वर्ग से पृथ्वी पर आने वाली गंगा के अवतरण को चित्रित करती है। जब ऋषि भागीरथ गंगा को लेकर पृथ्वी पर आ रहे थे तो गंगा के गति से पृथ्वी के पाताल लोक में धँसने का भय पैदा हो गया। तब भगवान शिव से प्रार्थना की गई कि वह गंगा को अपनी जटाओं में जगह दे और बाद में उसे धीरे-धीरे पृथ्वी पर बहने दे ।भगवान शिव ने उनाकोटी में ही गंगा को अपनी जटाओं में स्थान दिया। वहां एक समुचित चट्टान पर शिव का चेहरा बना हुआ है और उनकी जटाएं दो पहाड़ों की चोटियों पर फैली हुई है। यहां पूरे साल बहने वाला एक जल प्रपात पहाड़ों से उतरता है जिसे गंगा के समान ही पवित्र माना जाता है। उनाकोटी में गंगावतरण की यही कथा प्रसिद्ध है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
Answer:-
पाठ के अनुसार उनाकोटी में विशाल चट्टान है दो ऋषि भागीरथ की प्रार्थना पर स्वर्ग से पृथ्वी पर आने वाली गंगा के अवतरण को चित्रित करती है। जब ऋषि भागीरथ गंगा को लेकर पृथ्वी पर आ रहे थे तो गंगा के गति से पृथ्वी के पाताल लोक में धँसने का भय पैदा हो गया। तब भगवान शिव से प्रार्थना की गई कि वह गंगा को अपनी जटाओं में जगह दे और बाद में उसे धीरे-धीरे पृथ्वी पर बहने दे ।भगवान शिव ने उनाकोटी में ही गंगा को अपनी जटाओं में स्थान दिया। वहां एक समुचित चट्टान पर शिव का चेहरा बना हुआ है और उनकी जटाएं दो पहाड़ों की चोटियों पर फैली हुई है। यहां पूरे साल बहने वाला एक जल प्रपात पहाड़ों से उतरता है जिसे गंगा के समान ही पवित्र माना जाता है। उनाकोटी में गंगावतरण की यही कथा प्रसिद्ध है।
Hope it's help You❤️