पाठ में आए सभी पेड़ पौधों के नाम लिखकर उनके महत्व के बारे में विस्तार से लिखो
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) नीम - भारतवर्ष में नीम हजारों वर्षों से औषधीय पौधे के रूप में जाना जाता है। नीम के हर भाग औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता हैं।आधुनिक कीटनाशक रसायनों के उपयोग में आने से पहले किसान अपनी सुरक्षा एवं पोषण हेतु नीम का ही प्रयोग करते थे।
नीम द्वारा बने हर पदार्थों में कीड़े - मकोड़े एवं हानिकारक कीटाणुओं को मारने की क्षमता होती है।नीम से तैयार कीटनाशी लगभग 200 प्रकार के ऐसे कीड़ों को नष्ट करता है जो फसलों को विभिन्न प्रकार से हानि पहुंचाते हैं।
नीम का हर भाग जैसे पत्तियां, जड़े, तना, निगौरी आदि औषधीय रूप में प्रयोग किए जाते हैं।
(2) आंवला - आंवला में विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा होती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए आंवला अधिक फायदेमंद होता है।डायबिटीज का मरीज यदि आंवले के रस को शहद के साथ प्रतिदिन सेवन करे तो डायबिटीज से राहत मिलेगी।
पेट की लगभग सभी समस्याओं के लिए आंवला तरीक फायदेमंद होता है। आंवले का रस पेट की सभी समस्याओं को दूर कर देता है। एसिडिटी के मरीजों के लिए आंवले का फल अत्यधिक फायदेमंद होता है।
3) तुलसी - हिंदू धर्म में तुलसी के पौधों की पूजा की जाती है। लेकिन तुलसी के पौधे के धार्मिक महत्व के साथ-साथ औषधीय महत्त्व भी अनेक हैं। तुलसी के पौधे का प्रयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
आयुर्वेद में तुलसी के औषधीय गुणों का विशेष स्थान है।
तुलसी के पौधे के हर भाग को इलाज में प्रयोग किया जा सकता है।
टीवी के रोग को दूर करने के लिए तुलसी बेहद कारगर साबित हुई है।इसके अलावा तुलसी की पत्तियों को खड़ी काली मिर्च के साथ खाने से मलेरिया तथा टाइफाइड को दूर किया जा सकता है।
यौन रोगों में भी तुलसी अत्यधिक फायदेमंद है।पुरुषों में शारीरिक कमजोरी होने पर तुलसी के बीजों का प्रयोग किया जाता है जो काफी फायदेमंद साबित हुआ है।
(4) अमरुद - अमरुद के पौधे का औषधि के रूप में अत्यधिक महत्व है। अमरूद के फल का प्रयोग अनेक रोगों को दूर करने में किया जाता है।
अमरूद के पत्तों को चबाने या पत्तों के काढ़े में फिटकरी मिलाकर कुल्ला करने से दांतो के दर्द में आराम मिलता है।
अमरूद के पत्तों का काढ़ा बनाकर मुंह में चार - पांच मिनट तक रखने से मुख के घाव, रक्तस्राव आदि में आराम मिलता है और दांत स्वस्थ रहते हैं।) नींबू - जुकाम में नींबू का रस लाभदायक होता है। इसके अलावा नींबू से कई रोग दूर किए जाते हैं जैसे - गठिया वात, बुखार, पथरी निकालने, कब्ज आदि में।
5)नींबू के रस को पानी के साथ जीरा, इलायची मिलाकर पीने से उल्टी को दूर किया जा सकता है इसके अलावा साधारण दूध में नींबू निचोड़ कर पीने से पतले दस्त में आराम मिलता है।
यदि किसी का गला बैठ जाता है तो गुनगुने पानी में नींबू के रस को नमक के साथ मिलाकर गरारे करने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है।