Hindi, asked by uzainkhan612, 5 hours ago

पाठ में एक जगह पर लेखक सोचता है कि ‘फ़ोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है तो पहनने की कैसी होगी?’ लेकिन अगले ही पल वह विचार बदलता है कि नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी।’ आपके अनुसार इस संदर्भ में प्रेमचंद के बारे में लेखक के विचार बदलने की क्या वजहें हो सकती हैं?​

Answers

Answered by guptavandana0409
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Answer:

प्रेमचंद ने एक फ़ोटो खिंचवाया था जिसमें उन्होंने फटा जूता पहना था।उन्होंने फ़ोटो खिंचवाने के लिए कोई विशेष प्रकार की तैयारी नहीं की थी और न ही अपनी पोशाक को आकर्षित बनाया था। जब हरिशंकर परसाई ने वह फ़ोटो देखी तो वह सोच में पड़ गए कि जब फ़ोटो में इस व्यक्ति की पोशाक और जूते ऐसे हैं तो वास्तव में इस आदमी की पोशाकें और कैसी कैसी होगी। उसके अगले ही पल परसाई जी का मत उनके लिए बदल गया क्योंकि प्रेमचंद को अगर दिखावा करना ही होता तो वे फ़ोटो में बन ठनकर आते। जैसे लोग फ़ोटो में ख़ूब बन संवर कर आते हैं और असली ज़िंदगी में वे दूसरी प्रकार की पोशाकें पहनते हैं लेकिन प्रेमचंद ने ठीक वैसे ही फ़ोटो खिंचवाया जैसे वे वास्तव में थे। यही कारण था कि लेखक का विचार प्रेमचंद के लिए बदल गया था।

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