पाठ में खोजकर देखिए-कब सूरज का ताप यासुकी-चान और तोत्तो-चान पर पड़ रहा था, वे दोनों पसीने से तरबतर हो रहे थे और कब बादल का एक टुकड़ा उन्हें छाया देकर कड़कती धूप से बचाने लगा था। आपके अनुसार, इस प्रकार परिस्थिति के बदलने का कारण क्या हो सकता है?
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जब यासुकी-चान और तोत्तो-चान एक तिपाई-सीढ़ी के द्वारा पेड़ की द्विशाखा तक पहुँच रहे थे तब सूरज का ताप उन पर पड़ रहा था। उन्हें काफ़ी पसीना आ रहा था। जब तोत्तो-चान अपनी पूरी ताकत से यासुकी-चान को पेड़ की ओर खींच रही थी तब एक बादल का बड़ा टुकड़ा बीच-बीच में छाया करके उन्हें कड़कड़ाती धूप से बचा रहा था।
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