पाठ मानवीय करुणा की दिव्य चमक के आधार पर बताए कि फादर का हिंदी प्रेम कैसा था
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फादर कामिल बुल्के एक ऐसा नाम है जो विदेशी होते हुए भी भारतीय है। उन्होंने अपने जीवन के 73 वर्षों में से 47 वर्ष भारत को दिए। उन 47 वर्षों में उन्होंने भारत के प्रति, हिंदी के प्रति और यहां के साहित्य के प्रति विशेष निष्ठा दिखाई है। उनका व्यक्तित्व दूसरों को तपती धूप में शीतलता प्रदान करने वाला था।फादर बुल्के ने मातरलिंक के प्रसिद्ध नाटक 'ब्लूबर्ड' का हिंदी में 'नीलपंछी' नाम से रुपांतर किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने मसीह धर्म की धार्मिक पुस्तक बाइबल का हिंदी में अनुवाद किया। उन्होंने अपना प्रसिद्ध अंग्रेजी हिंदी शब्दकोश तैयार किया। उनके शोध' रामकथा: उत्पत्ति और विकास ' के कुछ अध्याय 'परिमल' में पढ़ें गए थे।
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