Hindi, asked by sanjaybrothers657, 9 months ago

पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ , पंडित भया न कोई। isme kon sa alankar hai​

Answers

Answered by bhatiamona
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पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ , पंडित भया न कोई।

इसका सही जवाब है :

अनुप्रास

व्याख्या :

अनुप्रास अलंकार का अर्थ है, जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती   है,   वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है।

प्रश्न में दी गई पंक्ति में पढ़ि-पढ़ि शब्द की आवृति दो बार हुई है | किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक धार आवृत्ति होती है।

Answered by sweetyjindal1996sj
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Answer:

पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुआ , पंडित भया न कोई। इसमें अलंकार निम्न है–

Explanation:

अलंकार का शाब्दिक अर्थ है – आभूषण। वाक्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है।

शब्दों के अलंकार के सात रूप है–

  • अनुप्रास अलंकार
  • यमक अलंकार
  • श्लेष अलंकार
  • रूपक अलंकार
  • अतिश्योक्ति अलंकार
  • उत्प्रेक्षा अलंकार
  • संदेह अलंकार

उपयुक्त वाक्य में प्रयोग अलंकारअनुप्रास अलंकार

अनुप्रास अलंकार – इस अलंकार में काव्य की सुंदरता बढ़ाने के लिए शब्दों को बार बार दोहराया जाता है ।

जैसे इस वाक्य में पोथि पोथि यह शब्द दो बार आया है।

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