पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भया न कोय ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय। meaning
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by reading book you can not become a pandit or vidwan and only 2and a half letter words of love who understand will become a perfect man and plese follow me and mark me as a brainlist
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पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ पंडित भया न कोई
पोथी का अर्थ है ग्रंथ की किताब इस पंक्ति का अर्थ है कि कोई कितनी भी ग्रंथ की किताब एक जैसे कुरान रामायण और आदि पर ले लेकिन वह पंडित नहीं हो जाता ।
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