पाठ पढ़ते पढ़ते आपको भी अपने माता पिता का लाड प्यार याद आ रहा होगा! अपनी इन भावनाओं को डायरी मे अंकीत किजिए! please give answer in short
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बचपन में हमें भी सुबह सवेरे मां बड़े प्यार से जगाया करती थी। जल्दी-जल्दी नहला -धुलाकर तथा साफ कपड़े बनाकर फिर हमें खेलने के लिए भेज देती थी। पिताजी हमें अपने कंधे पर बैठाकर दूर तक झुलाया करते थे।
कभी-कभी आंगन में अपनी पीठ पर बैठाकर घोड़े की तरह झुला दिया करते थे। कभी-कभी वह हमें अपने साथ लेकर नदी में नहाने के लिए जाते थे और अपनी गोदी में लेकर पानी में खूब डुबकिया लगाते थे। कई बार पिताजी हमें अपने साथ खेतों में घुमाया करते थे।
मां अपने आंचल में बिठा कर हमें दूध पिलाती थी और भोजन खिलाते थी। पेट भर जाने पर भी हमसे और खाने के लिए कहती थी। बच्चों के साथ बाहर खेलने जाते तो बड़े प्यार से समझा बुझाकर भेजती थी । अनेक नसीहतें देती थी।
HOPE IT HELPS YOU MARK ME BRAINLIST
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Komal itne jlde se Pt te nhi okay
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