पाठ से 1. कवि देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर क्यों करना चाहते हैं ? 2. माँ के किस ऋण की बात कवि कहते हैं ? 3 कुछ और देने की चाहत कवि को क्यों है ? 4. कवि स्वयं को अकिचन क्यों कह रहे हैं? 5.क्या स्वीकार करने का आग्रह कवि राष्ट्र माँ से कर रहे हैं ? 6.चाहता हूँ देश की धरती, तुझे कुछ और भी पंक्तियों के माध्यम से कवि किन को व्यक्त करना चाहते हैं?
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इसके रचयिता 'रामावतार त्यागी' हैं। प्रसंग-कवि अपने प्रिय देश के लिए अपना सर्वस्व त्याग देने को तैयार है। व्याख्या-कवि कहता है कि हे मेरे देश की धरती! तेरी सेवा के लिए मैं स्वयं तन-मन तथा अपने प्राण (सम्पूर्ण जिन्दगी) अर्पित करता हूँ।
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इसके रचयिता 'रामावतार त्यागी' हैं। प्रसंग-कवि अपने प्रिय देश के लिए अपना सर्वस्व त्याग देने को तैयार है। व्याख्या-कवि कहता है कि हे मेरे देश की धरती! तेरी सेवा के लिए मैं स्वयं तन-मन तथा अपने प्राण (सम्पूर्ण जिन्दगी) अर्पित करता हूँ।
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