पाठ से आगे
'बीती ताहि बिसारि दे
आगे की सुधि लेइ', कवि
के इस कथन की हमारे
जीवन में सार्थकता स्पष्ट
कीजिए।
Answers
Answered by
2
Answer:
thnx for free points love
Answered by
3
=> बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि ले’ का भाव कविता की निम्न पंक्ति में व्यक्त हुआ है ‘जो न मिला भूल उसे कर भविष्य का वरण’।
Similar questions