पाठ से
प्रश्न 1. विन्ध्य और सतपुड़ा को लेखक ने किस रूप में
चित्रित किया है ?
उत्तर-विन्ध्य और सतपुड़ा का यह समवेत विग्रह बड़ा
सुदर्शन और मनोहारी है। इसे मेकाल कहते हैं। मेकाल पर्वत
की ही दाईं भुजा विंध्याचल और बाईं सतपुड़ा है। इन दोनों के
बीच नर्मदा निनादित और प्रवाहित है। विंध्य और
सतपुड़ा
से
बनी अंजुरी में नर्मदा का जल लहर-लहर है। इस पर्वत का
मस्तक पूर्व तक फैला है। यह अपनी विराटता से संपूर्ण भारत
को पूर्व से पश्चिम तक हरीतिमा और प्राकृतिक सुन्दरता
प्रदान करता है।
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The answer is right but where is question
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