पाठ- "टोपी" और "बाज और साँप"
प्रश्न १: गवरइया का स्वभाव कैसा था ? प्रमाणित कीजिये।
प्रश्न २: टोपी पाठ से आपको क्या सीख या सन्देश मिलता है ?
प्रश्न ३: टोपी पाठ के लेखक कौन है ?
प्रश्न ४ : गवरइया की टोपी में दरजी ने कितने फुंदने लगाए?
प्रश्न ५: घायल बाज को देखकर साँप क्यों खुश हुआ ?
प्रश्न ६: बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा। फिर भी घायल होने के बाद वह क्यों उड़ना चाहता था ?
प्रश्न ७: बाज और साँप पाठ के लेखक कौन है ?
प्रश्न ८: बाज के लिए किसने गीत गया ?
Answers
Answer:
गौरैया सुस्त होते हैं। वे शायद ही कभी अपने जन्म स्थान से 2 किलोमीटर मील से दूर उड़ते हैं। भले ही इनकी गिनती पानी के पक्षियों में नहीं होती लेकिन फिर भी इन में तैरने की क्षमता होती है।
2) गौरैया का सवाब बहुत ही सुस्त था।
3) टोपी पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को हमेशा निश्चय के साथ अपने कार्य को करना चाहिए उसे 1 दिन सफलता अवश्य मिलेगी।
4) टोपी पाठ के लेखन है संऋजय जी है
5) गौरैया की टोपी में दर्जी ने 5 खुद ने लगाए थे।
6) घायल बाज को देखकर सांप इसलिए खुश हुआ क्योंकि अब उसे बाज से कोई खतरा नहीं था। उसे बाज पर हंसने और उसे ताने मारने का मौका मिल चुका था ।
7) बाज जिंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा फिर भी वह घायल होने के बाद उड़ना चाहता था क्योंकि अपने अपने अतीत की ऊंची उड़ान भरने के सुख को व मरने तक भूलना नहीं चाहता था। इसलिए जीवन के अंतिम क्षणों में भी उसके उड़ने की इच्छा बलवती थी। वह वह आकाश के अध्ययन विस्तार को पाना चाहता था।
8) बाज और सांप पाठ के लेखक निर्मला वर्मा है।
9) बाज बाज के लिए लहरों ने गीत गाया
I I hope it's helpful to you,,