पाठ दुख के अधिकार के आधार पर अपने अनुभव बताइये, जब पोशाक के कारण आपको किसी से बात करने, मिलने - जुलने या उनकी साहयता करने मे कठिनाई या सहूलियत हुई हो | (80-100) शब्दों मे लिखें.
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कभी कभार ऐसा होता है कि हम नीचे झुक कर समाज के दर्द को जानना चाहते हैं। ऐसे समय में हमारी पोशाक अड़चन बन जाती है क्योंकि अपनी पोशाक के कारण हम झुक नहीं पाते हैं। हमें यह डर सताने लगता है कि अच्छे पोशाक में झुकने से आस पास के लोग क्या कहेंगे।
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sorry I don't know I write in English but still not hindi sorry you say can I write English hindi impossible
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