Geography, asked by deeneshguppta, 5 months ago

पृथ्वी के गर्म होने तथा ठंडा होने के 3 तरीके बताइए​

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Answered by virendra5324
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This change in the weather is because of location and climate is because of earth’s revolution around sun . When earth goes far from sun , winter comes and when comes closer , summer comes.
Answered by hararideesha1940
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Answer:

पुरातन-पृथ्वी का विकास अभिवृद्धि से तब तक होता रहा, जब तक कि सूक्ष्म-ग्रह का आंतरिक भाग पर्याप्त रूप से इतना गर्म नहीं हो गया कि भारी, लौह-धातुओं को पिघला सके। ऐसे द्रव धातु, जिनके घनत्व अब उच्चतर हो चुका था, पृथ्वी के भार के केंद्र में एकत्रित होने लगे। इस तथाकथित लौह प्रलय के परिणामस्वरूप एक पुरातन आवरण तथा एक (धातु का) केंद्र पृथ्वी के निर्माण के केवल 10 मिलियन वर्षों में ही पृथक हो गये, जिससे पृथ्वी की स्तरीय संरचना बनी और पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का निर्माण हुआ।

पुरातन-ग्रह पर पदार्थों के संचयन के दौरान, गैसीय सिलिका के एक बादल ने अवश्य ही पृथ्वी को घेर लिया होगा, जो बाद में इसकी सतह पर ठोस चट्टानों के रूप में घनीभूत हो गया। अब इस ग्रह के आस-पास सौर-नीहारिका के प्रकाशीय (एटमोफाइल) तत्वों, जिनमें से अधिकांश हाइड्रोजन व हीलियम से बने थे, का एक प्रारंभिक वातावरण शेष रह गया, लेकिन सौर-वायु तथा पृथ्वी की उष्मा ने इस वातावरण को दूर हटा दिया होगा।

जब पृथ्वी की वर्तमान त्रिज्या में लगभग 40% की वृद्धि हुई तो इसमें परिवर्तन हुआ और गुरुत्वाकर्षण ने वातावरण को रोककर रखा, जिसमें पानी भी शामिल था।

विशाल संघात अवधारणा (The giant impact hypothesis)

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