पृथ्वी की तीन आंतरिक सरचानम्तक परतो का संक्षिप्त उल्लेख करें
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प्रेमचंद ने कभी पर्दे को अर्थात लुकाव-छिपाव को महत्व नहीं दिया। उन्होंने वास्तविकता को कभी ढँकने का प्रयत्न नहीं किया है। लोग अपनी बुराइयों को कभी छिपाने का प्रयास नहीं किया। वे भीतर-बाहर एक समान थे।
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