पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखना विषय पर निबंध लिखे 800 - 1000 please tell its very important for me
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Explanation:
हमारे चारों ओर जो कुछ है तथा चारों ओर से हमें घेरे हुएं हैं उसे हम पर्यावरण से संदर्भित करते हैं। इसमें जैविक, अजैविक, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु आते हैं। प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियाँ, बगीचा, नदी, झील, हवा इत्यादि शामिल हैं। प्रचीन मानव प्रकृति के समीप निवास करते थे, इस कारणवश वह स्वस्थ रहते और ज्यादा दिन तक जीवित रहते थे। परन्तु आज हमारे चारों ओर कृत्रिम (बनावटी) वातावरण हैं, जिसका निर्माण हमनें स्वयं के लिए किया है, - इमारतें, वातानुकूलित कमरें, सड़के, शौपिंग कॉम्पेक्स, वाहन, जानलेवा गैस, धूल इत्यादि।
पर्यावरण में वह सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल है जो कई तरीकों से हमारी मदद करते हैं तथा चारों ओर से हमें घेरे हुएं हैं। यह हमें बढ़ने तथा विकसित होने का बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो इस ग्रह पर जीवन यापन करने हेतु आवश्यक है।
हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा लालन पालन हो, हमारा जीवन बने रहे और कभी नष्ट न हो। तकनीकी आपदा के वजह से दिन-प्रतिदिन हम प्राकृतिक तत्व को अस्वीकार रहे हैं।
पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखना होगा, पूरे ब्रम्हांड में बस पृथ्वी पर ही जीवन है। वर्षों से प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए तथा साथ ही पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षा के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस समारोह के विषय को जानने के लिए, हमारे पर्यावरण को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाये तथा हमारे उन सभी बुरी आदतों के बारे में जानने के लिए जिससे पर्यावरण को हानि पहुंचता है, हम सभी को इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए।
पृथ्वी पर सभी जीवन को बनाए रखना विषय पर निबंध लिखें।
पृथ्वी पर सभी का जीवन बनाए रखना सभी का अधिकार है, जो भी प्राणी पृथ्वी पर आता है, उसे अपना जीवन पूरा करने का अधिकार है। इस पृथ्वी पर जो प्राणी जन्म ले लेता है, तो जन्म लेने के साथ ही रहे यह अधिकार भी पा लेता है कि वह पृथ्वी पर अपना सर्वाधिक जीवन जिए। कोई भी उसके जीवन को छीन नहीं सकता।
इसलिए पृथ्वी पर सबका जीवन बना रहे, सब अपना जीवन स्वभाविक प्रवृत्ति से जिएं, ऐसा प्रयास करना चाहिए। लेकिन मानव एक ऐसा प्राणी है, जो अपने सुख और ऐश्वर्य के लिए अनेक प्राणियों के जीवन को खत्म करने से नहीं चूकता है। वह अपनी सुख एवं सुविधा के लिए बेजुबान और बेकसूर प्राणियों की जान ले लेता है, इसीलिए मानव इस पृथ्वी का सबसे स्वार्थी प्राणी है।
मानव को इस विषय पर विचार करना चाहिए कि मात्र अपने छोटे से सुख के लिए किसी के जीवन को लेने का उसका कोई अधिकार नहीं। यदि वह किसी को जीवन दे नहीं सकता तो किसी का जीवन लेने का भी उसे कोई अधिकार नहीं है।
मानव की सुख सुविधा की अनेक वस्तुएं बनाई जाती है जो किसी ना किसी प्राणी के जान की कीमत पर बनाई जाती हैं। अनेक तरह की दवाइयां बनाने के लिए जानवरों को मारा जाता है. और उनसे दवा प्राप्त की जाती है। अनेक तरह के सौंदर्य प्रसाधन और फैशनेबल वस्तुएं बनाने के लिए जानवरों के अंगो का इस्तेमाल किया जाता है। जानवरों की खाल, दाँत आदि को इस्तेमाल किया जाता है, यह बिल्कुल भी उचित नहीं है।
पृथ्वी पर सभी का जीवन बना रहे। मानव इन सब वस्तुओं के बिना भी सुख पूर्वक रह सकता है, इसलिए पृथ्वी पर सब का जीवन बना रहे और मानव बिना किसी कारण के अन्य प्राणियों का जान ना ले ऐसा सोच मानव को बनानी चाहिए।
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