पृथ्वी पर सर्वप्रथम कौन-से जीव उत्पन्न हुए ?
Answers
Answer:
जीव की उत्पत्ति में ईश्वर की भूमिका को नकारकर प्राकृतिक नियमों के अनुरूप जीव की उत्पत्ति की सर्वप्रथम विवेचना करने का श्रेय चार्ल्स डार्विन को जाता है। अपनी पुस्तक ओरिजन आॅफ स्पेसीज में पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न जीवों की उत्पत्ति को जैव विकास के सिद्धांत से समझाते हुए चार्ल्स डार्विन को यह कहना पड़ा कि ईश्वर ने सभी जीवों को अलग-अलग नहीं बनाकर एक सरल जीव बनाया तथा वर्तमान सभी जीवों की उत्पत्ति उस एक पूर्वज से, जैव विकास की विधि द्वारा हुई है। अपने मित्रों तथा अन्य जिज्ञासुओं से डार्विन ने अपने विचार की असलियत को नहीं छुपाया। डार्विन ने जीव की उत्पत्ति में ईश्वर की भूमिका को नकारते हुए कहा था कि प्रथम जीव की उत्पत्ति निर्जीव पदार्थों से हुई। एक फरवरी 1871 को जोसेफ डाल्टन हूकर को लिखे पत्र में चार्ल्स डार्विन ने संभावना प्रकट की कि अमोनिया, फास्फोरस आदि लवण घुले गर्म पानी के किसी गड्ढे में, प्रकाश, ऊष्मा, विद्युत आदि के प्रभाव से, निर्जीव पदार्थों से पहले जीव की उत्पत्ति हुई होगी।
रूसी वैज्ञानिक अलेक्जेंडर इवानोविच ओपेरिन ने 1924 में जीव की उत्पत्ति नाम से निर्जीव पदार्थों से जीवन की उत्पत्ति का सर्व प्रथम सिद्धांत प्रतिपादित किया था। ओपेरिन ने कहा कि लुई पाश्चर का यह कथन सच है कि जीव की उत्पत्ति जीव से ही होती है मगर प्रथम जीव पर यह सिद्धांत लागू नहीं होता। प्रथम जीव की उत्पत्ति तो निर्जीव पदार्थों से ही हुई होगी। ओपेरिन ने कहा कि सजीव व निर्जीव में कोई मूलभूत अंतर नहीं होता। रासायनिक पदार्थों के जटिल संयोजन से ही जीवन का विकास हुआ है। विभिन्न खगोलीय पिंडों पर मीथेन की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि पृथ्वी का प्रारंभिक वायुमंडल मीथेन, अमोनिया, हाइड्रोजन तथा जलवाष्प से बना होने के कारण अत्यंत अपचायक रहा होगा। इन तत्वों के संयोग से बने यौगिकों ने आगे संयोग कर और जटिल यौगिकों का निर्माण किया होगा। इन जटिल यौगिकों के विभिन्न विन्यासों के फलस्वरूप उत्पन्न नए गुणों ने जीवन की नियमितता की नींव रखी होगी। एक बार प्रारंभ हुए जैविक लक्षण ने स्पर्धा व संघर्ष पर चलकर वर्तमान सजीव सृष्टि का निर्माण किया होगा।
Explanation:
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के रिसर्च में पता लगाया गया है कि जीवन का विकास 65 करोड़ साल पहले शैवाल (Algae)के उदय के कारण हुआ. नील हरित शैवाल को पृथ्वी पर प्राथमिक जी माना जाता है।