Geography, asked by mohini19840606, 2 months ago

पृथ्वी पर दिन प्रशांत महासागर में
शुरु
होना है।​

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Answered by Sharwin22
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Answer: पृथ्वी (अंग्रेज़ी: "अर्थ"(Earth), लातिन:"टेरा"(Terra)) सौरमंडल (सौरमण्डल) का एक ग्रह है जिसे विश्व (The World) भी कहा जाता है। यह दूरी के आधार पर सूर्य से तीसरा ग्रह है। यह एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है। इसकी सतह का 71% भाग जल से तथा 29% भाग भूमि से ढका हुआ है। इसकी सतह विभिन्न प्लेटों से बनी हुए है। इस पर पानी तीनो अवस्थाओं में पाया जाता है। इसके दोनों ध्रुवों पर बर्फ की एक मोटी परत है।

पृथ्वी

 

पृथ्वी का खगोलीय प्रतीक

"अपोलो १७ चन्द्रयान द्वारा लिया गया पृथ्वी का द ब्लू मार्बल" चित्र। अरबी प्रायद्वीप, अफ़्रीका और मेडागास्कर चकती के उपरी अर्द्ध भाग में हैं, जबकि अंटार्कटिका नीचले भाग में।

1972 में अपोलो 17 चन्द्रयान द्वारा लिया गया पृथ्वी का "द ब्लू मार्बल" चित्र।

कक्षीय विशेषताएँ

युग जे2000[सा 1]

उपसौर

151930000 किमी

(1.01559 AU)

अपसौर

147095000 किमी

(0.9832687 AU)

अर्ध मुख्य अक्ष

149598261 किमी

(1.00000261 AU)

विकेन्द्रता

0.01671123

परिक्रमण काल

365.256363004 दिन [1]

1.00001742096 वर्ष)

औसत परिक्रमण गति

29.78 किमी/सै॰[2]

(107200 किमी/घण्टा)

औसत अनियमितता

358.617 डिग्री

झुकाव

सूर्य की विषुवत रेखा पर 7.155 डिग्री;

अचर समतल से 1.57869 डिग्री[3]

जे2000 सूर्यपथ से 0.00005 डिग्री

आरोही ताख का रेखांश

जे2000 सूर्यपथ से -11.26064 डिग्री

उपमन्द कोणांक

102.94719 डिग्री

उपग्रह

प्राकृतिक उपग्रह;

1265 परिचालन उपग्रह[4][सा 2]

भौतिक विशेषताएँ

माध्य त्रिज्या

6371.0 किमी

विषुवतीय त्रिज्या

6378.1 किमी

ध्रुवीय त्रिज्या

6356.8 किमी

सपाटता

0.0033528

1/298.257222101 (ETRS89)

परिधि

40075.017 किमी (विषुवतीय) [5]

तल-क्षेत्रफल

510072000 वर्ग किमी[6][7][सा 3]

(148940000 वर्ग किमी (29.2%) भूमि

 361132000 वर्ग किमी (70.8%) जल)

आयतन

1.08321×1012 घन किमी[2]

द्रव्यमान

5.97219×1024 किग्रा[8]

(3.0×10-6 सौर द्रव्यमान)

माध्य घनत्व

5.514 ग्राम/घन सेमी[2]

विषुवतीय सतह गुरुत्वाकर्षण

9.807 मी॰/वर्ग सै॰[9]

(1 g)

पलायन वेग

11.186 किमी/सै॰[2]

नाक्षत्र घूर्णन

काल

0.99726968 दिन[10]

(23 घण्टे 56 मिनट 4.100 सैकण्ड)

विषुवतीय घूर्णन वेग

1,674.4 किमी/घंटा (465.1 मी/से)[11]

अक्षीय नमन

23 डिग्री 26 मिनट 21.4119 सै॰ [1]

अल्बेडो

0.367 ज्यामितिक[2]

0.306 बॉण्ड[2]

सतह का तापमान

  केल्विन

  सेल्सियस

न्यून माध्य अधि

184 के॰[12] 288 के॰[13] 330 के॰[14]

−89.2 °C 15 °C 56.7 °C

वायु-मंडल

सतह पर दाब

101.325 किलो पास्कल (मासत)

संघटन

78.08% नाइट्रोजन (N2)[2] (शुष्क हवा)

20.95% ऑक्सीजन (O2)

0.930% आर्गन

0.039% कार्बन डाईऑक्साइड[15]

~ 1% जलवाष्प (जलवायु-चर)

रेडियोमेट्रिक डेटिंग अनुमान और अन्य सबूतों के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति 4.54 अरब साल पहले हुई थी। पृथ्वी के इतिहास के पहले अरब वर्षों के भीतर जीवों का विकास महासागरों में हुआ और पृथ्वी के वायुमंडल (वायुमण्डल) और सतह को प्रभावित करना शुरू कर दिया जिससे एनारोबिक और बाद में, एरोबिक जीवों का प्रसार हुआ। कुछ भूगर्भीय साक्ष्य इंगित करते हैं कि जीवन का आरंभ 4.1 अरब वर्ष पहले हुआ होगा। पृथ्वी पर जीवन के विकास के दौरान जैवविविधता का अत्यंत (अत्यन्त) विकास हुआ। हजारों प्रजातियाँ लुप्त होती गयी और हजारों नई प्रजातियाँ उत्पन्न हुई। इसी क्रम में पृथ्वी पर रहने वाली 99% से अधिक प्रजातियाँ विलुप्त हैं। सूर्य से उत्तम दूरी, जीवन के लिए उपयुक्त जलवायु और तापमान ने जीवों में विविधता को बढ़ाया।

पृथ्वी का वायुमंडल (वायुमण्डल) कई परतों से बना हुआ है। नाइट्रोजन और ऑक्सीजन की मात्रा सबसे अधिक है। वायुमंडल में ओजोन गैस की एक परत है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकती है। वायुमंडल (वायुमण्डल) के घने होने से इस सूर्य का प्रकाश कुछ मात्रा में प्रवर्तित हो जाता है जिससे इसका तापमान नियंत्रित (नियन्त्रित) रहता है। अगर कोई उल्कापिंड (उल्कापिण्ड) पृथ्वी के वायुमंडल (वायुमण्डल) में प्रवेश कर जाता है तो वायु के घर्षण के कारण या तो जल कर नष्ट हो जाता है या छोटे टुकड़ों में विभाजित हो जाता है।

पृथ्वी की ऊपरी सतह कठोर है। यह पत्थरों और मृदा से बनी है। पृथ्वी का भूपटल कई कठोर खंडों या विवर्तनिक प्लेटों में विभाजित है जो भूगर्भिक इतिहास के दौरान एक स्थान से दूसरे स्थान को विस्थापित हुए हैं। इसकी सतह पर विशाल पर्वत, पठार, महाद्वीप, द्वीप, नदियां, समुद्र आदि प्राकृतिक सरंचनाएँ है। पृथ्वी की आतंरिक (आन्तरिक) रचना तीन प्रमुख परतों में हुई है भूपटल, भूप्रावार और क्रोड। इसमें से बाह्य क्रोड तरल अवस्था में है और एक ठोस लोहे और निकल के आतंरिक कोर के साथ क्रिया करके पृथ्वी मे चुंबकत्व या चुंबकीय क्षेत्र को पैदा करता है। पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र विभिन्न प्रकार के आवेशित कणों को प्रवेश से रोकता है।

पृथ्वी सूर्य से लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित है। दूरी के आधार पर यह सूर्य से तीसरा ग्रह है। यह सौरमंडल (सौरमण्डल) का सबसे बड़ा चट्टानी पिंड (पिण्ड) है। पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर 365 दिनों में पूरा करती है। यह अपने अक्ष पर लंबवत (लम्बवत) 23.5 डिग्री झुकी हुई है। इसके कारण इस पर विभिन्न प्रकार के मौसम आते हैं। अपने अक्ष पर यह 24 घंटे (घण्टे) में एक चक्कर पूरा करती है जिससे इस पर दिन और रात होती है। चन्द्रमा के पृथ्वी के निकट होने के कारण यह पृथ्वी पर मौसम के लिए उत्तरदायी है। इसके आकर्षण के कारण इस पर ज्वार-भाटे उत्पन्न होता है। चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।

Explanation:

Answered by battumanasa0110
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