Hindi, asked by himanshu2231, 4 months ago

पृथ्वीराज रासो की प्रमाणिकता के karan likes

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Answered by Anonymous
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कुछ विद्वान लोग पृथ्वीराज रासो के शुक शुकी संवाद को ही ग्रन्थ का मूल समझते हैं ,शेष को अप्रमाणिक . वैसे यह ग्रन्थ अपने आप में एक प्रौढ़ रचना हैं . डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने पृथ्वीराज रासो को अर्धप्रमाणिक रचना माना है .

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