पृथ्वी सारे संसार का भार सहती है और आकाश जीवन देता है। दोनों में श्रेष्ठता निर्धारित करने के लिए विज्ञान के दो विद्यार्थियों की चर्चा परस्पर को 50 शब्दों में लिखिए
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पृथ्वी सारे संसार का भार सहती है और आकाश जीवन देता है दोनों में से स्टेशन निर्धारित करने वाली एक ही चीज है वह है विज्ञान के 2 विद्यार्थी की चर्चा पर इस पर को 50 शब्दों में लिखिए
पवन - मित्र अरविन्द! आज विज्ञान की कक्षा में अध्यापिका ने पृथ्वी और आकाश के विषय में कितनी अच्छी-अच्छी और रोचक जानकारियाँ दीं।
अरविन्द - सत्य कह रहो हो मित्र ! आज हमें पृथ्वी और आकाश के विषय में कई नए तथ्य ज्ञात हुए।
पवन - पृथ्वी कितनी श्रेष्ठ है, कितनी सहनशीलता है उसमें। सबका भार सहन करती है।
अरविन्द - और आकाश भी तो कितना श्रेष्ठ है। यह सभी को जीवन प्रदान करता है। यदि आकाश न हो तो पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है।
पवन - यदि पृथ्वी हमारा भार न सहती तो क्या होता! हमारे खाने के लिए अन्न व रहने के लिए स्थान - सब पृथ्वी पर उपलब्ध हैं।
अरविन्द - मित्र पवन ! धरती और आकाश की श्रेष्ठता पर बहस करते हुए जमाने गुजर जाएँगे पर ये सिद्ध न हो सकेगा।
पवन - सही कहा मित्र ये दोनों ही अपनी-अपनी जगह श्रेष्ठ हैं।