पाठ-१
वृंद के दोहे
वृंद
जीवन परिचय - (१६४३-१७२३) इनका पूरा नाम वृंदावन था। इनके पूर्वज बीकानेर के रहने वाले थे लेकिन इनका
जन्म मेड़ते में हुआ था। वे ब्राह्मण कुल के थे। बचपन से ही दे सुशील, गंमीर और तीव्र बुद्धि के थे। काशी में
तारा पंडित के पास रहकर इन्होंने व्याकरण, वेदांत, साहित्य, गणित और दर्शनशास्त्र का ज्ञान प्राप्त किया। वे
औरंगजेब के दरबारी कवि और उसके पुत्र के शिक्षक भी रहे।
इनकी प्रमुख रचनाएँ बारामासा, नयन पचीसी, पवन-पवीसी और यमक-सतराई है।
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