Hindi, asked by bhoomibhardwaj4u, 10 months ago

पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम् ।
मूडै पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा
विधीयते ।। 1 ।। tell me hindi​

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Answered by shishir303
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पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्।

मूडै पाषाणखण्डेषु रत्नसंज्ञा  विधीयते।।

अर्थ ⦂ इस पृथ्वी पर अन्न, जल महत्वपूर्ण रत्न हैं। विद्वानों द्वारा कही गए विद्वतापूर्ण बातें अनमोल रत्न हैं। हास्य-विनोद युक्त सुवचन मूल्यवान रत्न हैं। लेकिन इस पृथ्वी पर जो मूर्ख और अज्ञानी लोग होते हैं, वे तो पत्थरों के छोटे-छोटे चमकदार टुकड़ों को ही रत्न समझते हैं, ये उनकी अज्ञानता को दर्शाता है।

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