Social Sciences, asked by sangitasinghchauhan0, 3 months ago

पाठ्यपुस्तक अथवा एटलस की सहायता से दिए गएमानचित्र में संकेत चिन्हों के द्वारा निम्नांकित स्थानों को दर्शाइए-​

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Answered by 4484laxman
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परिचय

मानचित्र किसी चौरस सतह पर निश्चित मान या पैमाने और अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं के जाल के प्रक्षेप के अनुसार पृथ्वी या अन्य ग्रह, उपग्रह, अथवा उसके किसी भाग की सीमाएँ तथा तन्निहित विशिष्ट व्यावहारिक, या सांकेतिक, चिह्नों द्वारा चित्रण या परिलेखन मानचित्र कहलाता है। अत: प्राय: मानचित्र किसी बड़े क्षेत्र का छोटा प्रतिनिधि रूपचित्रण है, जिसमें अंकित प्रत्येक बिंदु मानचित्र क्षेत्र पर स्थित बिंदु का संगत बिंदु होता है। इस प्रकार मानचित्र तथा मानचित्रित क्षेत्र में स्थैतिक या स्थानिक सम्यकता स्थापित हो जाती है। मानचित्र पर भूआकृति या वस्तुस्थिति के प्रदर्शन के निमित्त प्रयुक्त प्रत्येक चित्र, चिह्न या आकृति एक विशिष्ट स्थिति का बोध कराते हैं और प्रचलन एवं उपयोग में रहने के कारण इन रूढ़ चिह्नों का एक सर्वमान्य अंतरराष्ट्रीय विधान सा बन गया है। इस प्रकार के चिह्नों के उपयोग से किसी भी भाषा के अंकित मानचित्र, बिना उस भाषा के ज्ञान के भी ग्राह्य एवं पठनीय हो जाते हैं। उद्देश्यविशेष की दृष्टि से विभिन्न विधियों द्वारा रेखाओं, शब्दों, चिह्नों, आदि का उपयोग किया जाता है, जिससे मानचित्र की ग्राह्यता एवं उपादेयता बढ़ जाती है। मानचित्र निर्माण के कला में पिछले कुछ दशकों में, विशेषकर द्वितीय महायुद्ध काल तथा परवर्ती काल में प्रचुर प्रगति हुई है और संप्रति कम से कम शब्दालेख के साथ मानचित्र में विभिन्न प्रकार के तथ्यों का सम्यक्‌ परिलेखन संभव हो गया है। किसी मानचित्र में कितने तथ्यों का ग्राह्य समावेश समुचित रूप से किया जा सकता है, यह मानचित्र के पैमाने, प्रक्षेप तथा मानचित्रकार की वैधानिक क्षमता एवं कलात्मक बोध आदि पर निर्भर करता है।

मानचित्र वस्तुत: त्रिविम (three dimensional) भूतल का द्विविम (two dimensional) चित्र प्रस्तुत करता है। मानचित्र में किसी क्षेत्र के वैसे रूप का प्रदर्शन किया जाता है जैसा वह ऊपर से देखने में प्रतीत होता है। अत: प्रत्येक मानचित्र में द्विविम स्थितितथ्य, अर्थात्‌ वस्तु की लंबाई, चौड़ाई चित्रित होती है, न कि ऊँचाई या गहराई। उदाहरणस्वरूप, साधारणतया धरातल पर स्थित पर्वत, मकान या पेड़ पौधों की ऊँचाई मानचित्र पर नहीं देख पाते और न ही समुद्रों आदि की गहराई ही देख पाते हैं, लेकिन संप्रति भू-आकृति का त्रिविम प्रारूप प्रदर्शित करने के लिये ब्लॉक चित्र (block diagrams) तथा उच्चावच मॉडल (relief model) आदि अत्यधिक सफलता के साथ निर्मित किए जा रहे हैं।

हिंदी का शब्द 'मानचित्र' 'मान' तथा 'चित्र' दो शब्दों का सामासिक रूप है, जिससे मान या माप के अनुसार चित्र चित्रित करने का स्पष्ट बोध होता है। इस प्रकार यह अंग्रेजी के मैप (map) शब्द की अपेक्षा जो स्वयं लैटिन भाषा के मैपा (mappa) शब्द से (जिसका अर्थ चादर या तौलिया होता है) बना है, अधिक वैज्ञानिक एवं अर्थबोधक है। मानचित्र के साथ ही चार्ट (chart) एवं प्लान (plan) शब्दों का उपयोग होता है। चार्ट शब्द फ्रेंच भाषा के कार्ट (carte) शब्द से बना है पहले बहुधा चार्ट एवं मानचित्र शब्दों का उपयोग एक दूसरे के अर्थ में हुआ करता था, परंतु अब 'चार्ट' का उपयोग महासागरीय या वायुमंडलीय मार्गों अथवा जल या हवा की तरंगों एवं उनके मार्गो को अंकित करने के लिये हाता है। समुद्र पर जहाजों के तथा वायुमंडल में वायुयानों में मार्ग चार्ट पर प्रदर्शित किए जाते हें। मानचित्र और प्लान में भी व्यावहारिक अंतर हो गया है। प्लान, साधारणतया उद्देश्य विशेष के लिये अपेक्षाकृत छोटे भाग को ठीक ठीक मापकर तैयार किए गए चित्र को कहते हैं। उदाहरणस्वरूप, भवन-निर्माण-कला-विशेषज्ञ द्वारा भवन का प्लान तैयार किया जाता है, जिसमें उसकी बाहरी सीमा ही नहीं अंदर के कमरों, दरवाजों, खिड़कियों आदि के स्थानविशेष भी अंकित रहते हैं। प्लान, मानचित्र की अपेक्षा अधिक बड़े पैमाने पर तैयार किए जाते हैं।

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