पाठ्यपुस्तक की कविता विजय गान कविता में बरस रही बांधा है पत्र में अंकित में बरस और बाधा शब्दों के प्रारंभ में 52 की आवृत्ति हुई है कविता की जिन परिस्थितियों में समान वर्णन क्या वृद्धि हुई है उन्हें खोजकर लिखिए
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answer please dedo mere ko
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मार्कण्डेय की कहानियों में सामाजिक संरचना की गतिशीलता को बखूबी समझा जा सकता है. यह गतिशीलता सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक कारकों के प्रभाव का पक्ष सामने रखता है. स्वतंत्र भारत की सामाजिक चेतना में किस प्रकार भारतीय समाज का परिष्कृत रूप सामने आता है, जहाँ मध्यवर्गीय आकांक्षाओं में देश की स्वतंत्रता का वास्तविक प्रश्न पीछे पड़ चुका था, उसकी जगह पर नई आकांक्षाओं का तीव्र विस्तार हो रहा था. इन आकांक्षाओं में ग्रामीण जनता का सामाजिक यथार्थ तमाम तरह की विसंगतियों का शिकार हो रहा था. भूख, शिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जूझते ‘व्यक्ति’ की अपनी ‘स्थिति’ शून्य में खोती नजर आ रही थी. विकास की मूलभूत बातों का वास्तविक पक्ष विलुप्त हो चुका था. मार्कण्डेय ने इन्ही सामाजिक समस्याओं के मूल को पकड़ने कोशिश की है.
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