-पृथक्करण की किनही तीन विधियो का वणन कीजिए
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पदार्थों का पृथक्करण
हमारे दैनिक जीवन में कई बार हमें किसी मिश्रण से उपयोगी पदार्थ को अलग करने की जरूरत पड़ती है। इस काम के लिए हम कई तरीके इस्तेमाल करते हैं।
मिश्रण: जब कोई वस्तु दो या उससे अधिक पदार्थों से बनी होती है जिसमें किसी भी अवयव का गुण नहीं बदलता है तो ऐसी वस्तु को मिश्रण कहते हैं। हवा एक मिश्रण है। हम जो पानी पीते हैं वह भी एक मिश्रण ही है।
शुद्ध पदार्थ: जब किसी पदार्थ के हर कण के गुण एक ही होते हैं तो उसे हम शुद्ध पदार्थ कहते हैं। उदाहरण: आसुत जल शुद्ध जल होता है क्योंकि इसका एक एक बूंद जल के अणु से ही बना होता है।
पदार्थों को अलग क्यों करते हैं: ऐसा हम किसी मिश्रण से बेकार चीजों को हटाने के लिए करते हैं। कई बार दो उपयोगी चीजों के मिश्रण में से एक उपयोगी चीज निकालने के लिए भी चीजों को अलग किया जाता है। जैसे चावल से कंकड़ या बेकार दानों को हाथ से बीनकर निकाला जाता है।
Answer:
इन तीनों विधियों को एक साथ इस्तेमाल किया जाता है। जब किसी द्रव में घुलनशीन और अघुलनशील ठोसों के मिश्रण को अलग करना होता है तो इन विधियों का प्रयोग किया जाता है।
- अवसादन
- अवसादननिस्तारण
- अवसादननिस्तारणनिस्यंदन
अवसादन: किसी मिश्रण में अघुलनशील कणों के तल में बैठने की प्रक्रिया को अवसादन (सेडिमेंटेशन) कहते हैं। जैसे मटमैले पानी में मिट्टी और रेत होती है। मिट्टी और रेत जल में अविलेय होते हैं। इसलिए इनके कण कुछ देर बाद तल में बैठ जाते हैं।
निस्तारण: इस विधि का इस्तेमाल अवसादन के बाद होता है। निस्तारण (डिकैंटेशन) की प्रक्रिया में अवसादित पदार्थ को छेड़े बिना ऊपर से द्रव को किसी दूसरे पात्र में डाला जाता है।
निस्यंदन (फिल्ट्रेशन): निस्तारण के बाद भी द्रव में कुछ महीन कण रह जाते हैं। इन कणों को अलग करने के लिए मिश्रण को एक फिल्टर के ऊपर डाला जाता है। द्रव फिल्टर से आगे निकल जाता है, और ठोस कण फिल्टर में रह जाते हैं।